हमारे देश में कई बड़े कारोबारी है जिन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते से मुकाम खड़ा किया है। जिसमे से एक है मेटल और एनर्जी सेक्टर के बड़े कारोबारी घरानों में से एक वेदांता ग्रुप के प्रमुख अनिल अग्रवाल। बता दे अनिल अग्रवाल एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते थे। बचपन से ही वह बड़ा बनने का सपना देखते थे जिसे उन्होंने बड़े होकर सच कर दिखाया। मात्र 19 साल की उम्र में वो बिहार के पटना से मुंबई आए और छोटी सी दुकान से अपना करियर शुरू किया और आज इतने बड़े औद्योगिक समूह के प्रमुख हैं. लेकिन हमेशा से उनका जीवन ऐसा नहीं था. आइये जानिए इनकी जिंदगी के कुछ पल के बारे में।
दरअसल अनिल अग्रवाल ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट पर अपनी माँ के बलिदान और त्याग की कहानी का जिक्र किया जिसमे उन्होंने ट्वीट करके लिखा, ‘‘मां, मेरे बचपन को तुम्हारे बलिदान ने सींचा और मुझे मेरे सपने पूरे करने का मौका दिया. उस समय तुम्हें 4 बच्चों का पेट भरने के लिए महज 400 रुपये मिलते थे, लेकिन तुमने हमेशा ये सुनिश्चित किया कि हम सभी के पेट पूरी तरह भरे रहें. मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मैं अब भी तुम्हारे साथ रहता हूं और तुम मुझे हर रोज प्रेरणा देती हो.
Ma, it is with your sacrifices that I was nourished as a child & given opportunities to pursue my dreams. Despite you getting 400rs per month for 4 children, you made sure all of our bellies were full. I am privileged that I still get to live with you & you inspire me every day. pic.twitter.com/R3iUJCuXom
— Anil Agarwal (@AnilAgarwal_Ved) March 8, 2022
आज अपनी मेहनत के बलबूते से भले ही अनिल अग्रवाल ने करोड़ो की संपत्ति बना ली हो लेकिन उन्होंने इस बात का जिक्र किया की वह हमेशा से मध्यमवर्गीय मूल्य उनके जीवन से जुड़े रहे. कल अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन उन्होंने अपनी बेटी और पत्नी का उनके जीवन में योगदान का भी जिक्र किया. कोरोना काल में भी वेदांता समूह ने लोगों की मदद के लिए 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि दान की थी.वह हमेशा से ही समाज की सेवा के लिए तैयार रहते है और गरीब तस्बो की तरक्की के लिए कुछ न कुछ योगदान करते रहते है।
My wife, it is because of your support that I have reached such great heights and you have always given me a loving home to come back to. Forever grateful for your company. pic.twitter.com/eFqouDYUzC
— Anil Agarwal (@AnilAgarwal_Ved) March 8, 2022
अनिल अग्रवाल ने इससे पहले एक ट्वीट में अपने शुरुआती संघर्ष की कहानी भी कही थी. उन्होंने कहा था कि मुंबई आने पर उन्होंने सबसे पहले भोईवाड़ा के मेटल मार्केट में 8×9 फुट का ऑफिस किराये पर लिया और वहीं पर मेटल के कबाड़ को बेचने का काम शुरू किया. आज उनके वेदांता ग्रुप का मार्केट कैपिटलाइजेशन ही 1.41 लाख करोड़ रुपये है.उनकी ये कहानी लाखो लोगो के लिए किसी इंस्पिरेशन से कम नहीं है।