देश में नोटों का इस्तेमाल अक्सर सभी लोग दिन में कई बार करते हैं। लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि नोट में छपी तिरछी लाइन का क्या मतलब होता है। नोट की कीमत के हिसाब से लाइन की संख्या घटती-बढ़ती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन नोटों पर ये लकीरों क्यों छपी होती है। दरअसल, ये लकीरें इस नोट के बारे में काफी अहम जानकारी देती है। आइए जानते हैं 100, 200, 500 और 2000 के नोटों पर बनीं इन लाइनों का क्या मतलब है?
ब्लीड मार्क्स किसे कहते है?
नोटों पर बनीं इन लकीरों को ब्लीड मार्क्स कहते हैं। ये ब्लीड मार्क्स खासतौर पर नेत्रहीनों के लिए बना गए हैं। नोट पर बनी इन लाइनों को छूने के बाद वे बता सकते हैं कि यह कितने रुपए का नोट है। 100, 200, 500 और 2000 के नोटों पर अलग-अलग संख्या में लकीरें बनाई गई हैं, यही इनकी कीमत भी बताती हैं 100 रुपए के नोट में दोनों तरफ चार-चार लकीरे बनी हैं।
खासतौर पर नेत्रहीनों के लिए
200 के नोट में दोनों तरफ चार-चार लकीरे हैं, इसके साथ दो-दो जीरो लगे हैं। वहीं, 500 के नोट में 5 और 2000 के नोट में दोनों तरफ 7-7 लकीरें बनाई गई हैं। इन लकीरों की मदद से ही नेत्रहीन लोग इसकी कीमत को समझ पाते हैं।अगली स्लाइड में जानिए, नोटों में बनी तस्वीरों का क्या मतलब है?
200 के नोट
2000 रुपए के नोट के पिछले हिस्से में मंगलयान की फोटो छपी हुई है. यह भारत के मंगल मिशन का हिस्सा है। 500 रुपए के नोट में लाल किले की तस्वीर छापी गई है। वहीं, 200 रुपए के नोट के पीछे छपा सांची स्तूप मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में स्थित है। जिसका निर्माण महान सम्राट अशोक के कार्यकाल में हुआ था।
वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल
यह भारत की सबसे प्राचीन संरचनाओं में से एक है। 100 रुपए के नोट में ‘रानी की वाव’ की तस्वीर छपी हुई है. यह एक बावड़ी है जो गुजरात के पाटन जिले में है। इसका निर्माण सोलंकी वंश की रानी उदयमति ने अपने पति भीमदेव प्रथम की याद में कराया था। इसे यूनेस्को ने साल 2014 में वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल किया है।