खुद को मुसीबत में डाल इन दो भारतीय Nun ने पेश की एकता की मिसाल, यूक्रेन संकट में बचाई लोगो की जान


यूक्रेन और रूस की जंग अभी भी जारी है इस युद्ध को महीना हो गया है। लेकिन आज भी रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है। हजारो लोगो ने यूक्रेन छोड़कर दूसरे देशो में पलायन कर लिया है। जो लोग भारत से यूक्रेन किसी काम से या पढ़ने गए थे वह भी भारत आ चुके है। लेकिन कुछ लोग जान की परवाह किए बगैर पीड़ितों की देखभाल में जुटे हैं। भारत की दो ननों ने तमाम मुसीबतों के बावजूद बेघर-बेसहारा लोगों की सेवा के लिए मानवता की अद्भुत मिसाल पेश की है। इनके पास भी सुरक्षित निकलने का मौका था लेकिन उन्होंने वहां रहकर दुसरो की मदद करना बेहतर समझा।

खबरों की माने तो आइजोल से करीब 15 किमी उत्तर में स्थित सिहफिर गांव की सिस्टर रोसेला नुथांगी (65) और आइजोल के इलेक्ट्रिक वेंग इलाके की सिस्टर एन फ्रिडा (48) दूसरे देशों की तीन अन्य ननों के साथ मिलकर कीव के एक गोदाम में 37 बेघर यूक्रेनियों और केरल की एक छात्रा की देखभाल कर रही हैं। हालांकि, उनके पास अब भोजन समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी होने लगी है लेकिन उनका मदद का इरादा अडिग है।रोसेला की रिश्तेदार सिल्वीन जोथांसियामी ने बताया है कि उनके समक्ष वस्तुओं का संकट होने लगा है। रोसेला ने सोमवार को सिल्वीन से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि हम ठीक हैं और अभी हमारे पास पहले से एकत्र की गई भोजन सामग्री से काम चल रहा है।

अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने राष्ट्रपति जो बाइडन से यूक्रेन में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए भारत, ब्राजील, मिस्र और यूएई जैसे देशों से संपर्क करने और इन देशों से पायलट मांगने का आग्रह किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि रूस इन्हें गैर-शत्रु देश मानता है। 20 सांसदों के समूह ने बाइडन को पत्र लिखा है कि यक्रेन में जहां भी संभव है जिंदगियां बचाना अमेरिका की नैतिक जिम्मेदारी है। लेकिन अभी अमेरिका की तरफ से कुछ भी सामने नहीं आया है यूक्रेन उनसे मदद की उम्मीद लगाए बैठा है।

पोलैंड ने जासूसी के शक में 45 रूसी अधिकारियों को देश से निकलने का आदेश दिया है। पोलैंड ने इन्हें सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। साथ ही उसने रूस के लिए जासूसी करने के संदेह में पोलैंड के एक नागरिक को हिरासत में लिया है। रूसी राजदूत सेर्गेय एंद्रीव को भी तलब किया है।इस समय भी यूक्रेन में चारो और डर का माहौल है। लोगो में अफरा-तफरी मची हुई है सारा सिस्टम अस्त-व्यस्त हो चूका है।