अग्निपथ योजना के विरोध की चिंगारी भड़क उठी है। पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। युवा उग्र हो गए हैं। और देश में जगह-जगह हिंसा कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने भारतीय रेलवे को खासतौर से निशाना बनाया है। कई शहरों में ट्रेनों को जला दिया गया। कई जगह इंजन जला दिए गए। कई जगहों पर बोगी में आग लगा दी। बड़े पैमाने पर रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। बिहार में कई ट्रेनें जलाई गई हैं। अन्य जगहों पर भी ट्रेनों को निशाना बनाया गया। पटरियों को नुकसान पहुँचाया गया है। क्या प्रदर्शनकारियों को अंदाज़ा है कि एक दर्जन ट्रेनें जलाकर उन्होंने रेलवे को कितना नुकसान पहुँचाया है। इतने बड़े पैमाने पर नुकसान के बीच ये भी जान लीजिये कि आखिर रेलवे को कितना नुकसान हुआ। एक ट्रेन कितने में बनती है, एक बोगी के बनने में कितना खर्चा होता है। इंजन कितनी कीमत का होता है?
20 करोड़ रुपये तक का बनता है ट्रेन का इंजन
एक ट्रेन को बनाने के खर्च को समझने से पहले ये जान लीजिए कि ट्रेन के दो हिस्से होते हैं। पहला हिस्सा ट्रेन का इंजन होता है।वहीं ट्रेन का दूसरा हिस्सा उसके कोच होते हैं। ट्रेन के इंजन से ही पूरी ट्रेन को कंमाड दी जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रेन के एक इंजन को बनाने में करीब 20 करोड़ रुपये का खर्चा आता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये खर्चा काफी कम है, क्योंकि ट्रेन के इंजन भारत में ही बनते हैं।
जनरल बोगी बनती है 80 लाख रुपए में
सबसे पहले बात ट्रेन के एक कोच यानी एक बोगी की। इसकी लागत ट्रेन या क्लास के हिसाब से होती है। थर्ड AC, सेकंड AC, और फर्स्ट AC के कोच सबसे अधिक लागत में बनते हैं। इस तरह की एक बोगी को बनाने में डेढ़ करोड़ से तीन करोड़ रुपए खर्च होते हैं। स्लीपर की बोगी बनने में सवा करोड़ रुपए तक खर्च होते हैं। जबकि सबसे कम लागत जनरल कोच में आती है। जनरल बोगी 80 लाख रुपए तक में तैयार हो जाता है।
एक्सप्रेस ट्रेन को बनाने का खर्चा
ट्रेन के इंजन के अलावा उसमें कई तरह के कोच होते हैं। ट्रेन के एक कोच को बनाने में करीब 2 करोड़ रुपये का खर्चा आता है। हालांकि इनकी कीमत कोच की सुविधाओं के हिसाब से अलग-अलग होती है। जनरल और स्लीपर के मुकाबले एसी कोच महंगे होते हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो किसी एक्सप्रेस ट्रेन को बनाने में करीब 68 करोड़ रुपये का खर्चा आता है। एक्सप्रेस ट्रेन में 24 कोच होते हैं, तो 2 करोड़ रुपये प्रति कोच के हिसाब से इसकी कीमत 48 करोड़ रुपये हो जाती है। वहीं इसके इंजन की कीमत 20 करोड़ रुपये तक होती है। वहीं, एक सामान्य पैसेंजर ट्रेन को बनाने में कुल 50 से 60 करोड़ रुपये का खर्च आता है।क्योंकि इन ट्रेनों के कोच में एक्सप्रेस ट्रेनों के मुकाबले सुविधाएं थोड़ी कम होती हैं।