बाढ़ के पानी में बच्चे को टोकरी पर लेकर निकला पिता, देख लोगों ने कहा श्रीकृष्ण और वासुदेव का रूप


असम बाढ़ की चपेट में है. असम में बाढ़ अपने सबसे बुरे रूप में है। ऐसे में लोग यहां अपना समय बिता रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि पिछले 24 घंटों में बाढ़ से कई लोगों की जान चली गई है. वहीं असम के 36 में से 32 जिलों में 47 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. पिछले 7 दिनों में बाढ़ की स्थिति के कारण कई लोगों की जान चली गई है और सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं.

वायरल वीडियो

सोशल मीडिया पर एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है, जबकि असम में भीषण बाढ़ से हालात बिगड़े हुए हैं. दरअसल, इस वीडियो में एक पिता पानी में डूबी भीषण बाढ़ के बीच अपने नवजात बच्चे को टोकरी में रखकर सड़क पार करता नजर आ रहा है.

कलयुग के वासुदेव

 

वीडियो देखने के बाद सोशल मीडिया पर लोग इस शख्स की तुलना श्री कृष्ण और वासुदेव से कर रहे हैं. वहीं कई लोगों ने इसे फादर्स डे भी कहा है. जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि असम के कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जिससे कई घर तबाह हो गए हैं और ऐसे में लोग सुरक्षित जगह पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम लगातार काम कर रही है.

वीडियो को जमकर शेयर किया गया

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में दिख रहा है कि कैसे एक पिता अपने बच्चे को कमर भर बाढ़ का पानी सहते हुए सकुशल ले जा रहा है, जो दिल को छू लेने वाला वाक्य है. लोग इस वीडियो को जमकर शेयर भी कर रहे हैं.

असम में बाढ़ से तबाही

आपको बता दें कि आसाम में विनाशकारी बाढ़ की वजह से 36 में से 32 जिलों में 47 लाख से भी ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा राज्य में बाढ़ और भूस्खलन में 80 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति के बारे में जानने के लिए दो बार मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को हाल ही में फोन भी किया। राज्य के बराक घाटी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो चुकी है।

स्पेशल रिलीफ ट्रेनें

रेलवे की ओर से इलाके में स्पेशल रिलीफ ट्रेनें चलाई जाएंगी। वहीं, एक लाख लीटर ईंधन एयरलिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की और टीमों को इलाके में भेजा जा रहा है। असम में बाढ़ की स्थिति सोमवार को भीषण बनी रही। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भारी बाढ़ वाले क्षेत्रों में भोजन और अन्य राहत सामग्री को हवा में गिराने का निर्देश दिया।