भारत देश अपने हिन्दू तथा सांस्कृतिक रीती रिवाज़ो से जाना जाता है। यह देश एक हिंदू बहुसंख्यक प्रधान देश है। यहां रहने वाली लगभग 80% जनता हिंदू धर्म में विश्वास एवं आस्था रखती है। हिंदू धर्म में देवी देवताओं का बड़ा सम्मान और पूजा होती है। हिन्दू धर्म में भगवान राम का दर्जा सबसे ऊपर आता है लोग इनकी पूजा करते है। हर हिंदू धर्म में श्रद्धा रखने वाले व्यक्ति को पता है कि भगवान श्रीराम विष्णु जी के सातवें अवतार थे।लेकिन अगर हम आपसे कहे की आज भी राम भगवान के वंश इस धरती पर मौजूद है तो आप इसपर यकीन करेंगे ?आइये बताते है क्या है पूरा मामला।
हम सभी को बचपन से ही भगवान श्री राम के बारे में बताया जाता है क्योंकि हम बचपन से सुनते हैं ये तो हम सभी जानते हैं कि भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके पिता श्री दशरथ के दो पुत्र और भी थे जिनका नाम था भरत और लक्ष्मण। बता दें कि भगवान श्री राम को शादी के बाद 14 साल का वनवास दिया गया था, जो कि उनकी सौतेली माता कैकेयी ने दिलवाया था। लेकिन इसी वजह से वो अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ जंगलो में रहे थे। 14 साल के वनवास से लौटने के बाद भगवान राम को फिर से अयोध्या का राजपाठ दिया गया था।
जैसा की आप सभी ने कथाओ में सुना होगा की भगवान श्रीराम ने माता सीता से विवाह किया था जोकि स्वयं संपूर्ण लक्ष्मी का अवतार थी। श्री राम जी के दो पुत्र थे लव और कुश। श्री राम जी द्वारा त्यागे जाने के बाद लव कुश अपनी माता सहित जंगल के एक गुरुकुल में निवास करते थे। श्री राम के दूसरे पुत्र कुश के वंशज जयपुर के राजघराने से संबंध रखते हैं। राजघराने की रानी पद्मा से संबंध रखना ही नहीं इनके पास कुश के वंशज होने का प्रमाण भी मौजूद है।वह खुद को भगवान राम के वंशज बताते है।
एक रिपोर्ट्स की माने तो वह 380वीं पीढ़ी हैं महारानी पद्मा है , महारानी पद्मा भगवान श्री राम के 380वीं पीढ़ी की वंशज हैं। जब माता सीता ने धरती में प्रवेश किया था और भगवान श्री राम के वैकुंठ लोक जाने के बाद लव और कुश ने अपने वंश को आगे बढ़ाया। लव के वंश का अभी कुछ खास पता नहीं चल पाया है। लेकिन जयपुर की महारानी पद्मा श्री राम के दूसरे पुत्र कुश के वंश से संबंध रखती हैं। अब इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो हम नहीं जानते न ही कोई इस बात का दावा करता है।