मार्कशीट में सिर्फ एक नंबर बढ़वाने के लिए तीन सालों तक लगाए कोर्ट के चक्कर,अब आखिरकार मेहनत लाइ रंग


मध्य प्रदेश के सागर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक छात्र ने अपनी 12वीं की मार्कशीट में नंबर बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश बोर्ड से तीन साल तक हाईकोर्ट में लड़ाई लड़ी तीन साल की लड़ाई के बाद अब कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है  44 बार कोर्ट में पेशी, 15 हजार खर्च और तीन साल की लंबी लड़ाई के बाद सागर के छात्र ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को अपनी गलती सुधारने के लिए मजबूर किया बोर्ड ने नंबरों की संख्या बढ़ाकर 28 कर दी है |

नहीं उठा पाएं मेधावी योजना का लाभ

जानकारी के अनुसार सागर जिले के कबीर मंदिर के निकट परकोटा निवासी शांतनु हेमंत शुक्ला ने 2018 में एक्सीलेंस स्कूल से 12वीं की उसे 74.8 प्रतिशत अंक मिले थे, लेकिन शांतनु अधिक आत्मविश्वासी थे  75 पर्सेंटाइल में नंबर 1 कम था, जो उन्हें परेशान कर रहा था क्योंकि 75 प्रतिशत अंक नहीं मिलने के कारण वे मेधावी योजना का लाभ नहीं उठा सके

44 बार हुए कोर्ट में पेश

इस मामले में शांतनु माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को हाईकोर्ट ले गए  उन्होंने तीन साल की लंबी लड़ाई लड़ी और उनके मामले में 44 बार पेश हुए शांतनु के 15 हजार रुपये केस लड़ने में खर्च किए गए तीन साल के ट्रायल के बाद हाईकोर्ट ने शांतनु के पक्ष में फैसला सुनाते हुए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को दोबारा जांच करने का आदेश दिया है इतना ही नहीं कोर्ट ने री-चेकिंग में शांतनु की संख्या 1-2 नहीं बढ़ाकर 28 करने का आदेश दिया है शांतनु ने बताया कि 2018 में जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा मंडल को 6 नोटिस भेजे लेकिन कोई प्रवक्ता कोर्ट नहीं पहुंचा शांतनु की कॉपियों की दोबारा जांच की गई और उन्हें नई मार्कशीट में 80.4% अंक मिले. शांतनु के माता-पिता नहीं हैं पिता का 2010 में निधन हो गया था  वह चार बहनों में इकलौता भाई है