खाकी की इज़्ज़त और लोगों की सुरक्षा के लिए इन पुलिस वालो ने लगा दी अपनी जान की बाज़ी


राजस्थान के करौली में नव संवत्सर के अवसर पर रैली के दौरान हिंसा फैल गई थी। इस दौरान मारपीट और आगजनी की घटनाएं भी हुईं। हिंसा के बीच साहस दिखाते एक पुलिसकर्मी की सोशल मीडिया पर हर कोई तारीफ कर रहा है। इस घटना के वक्त आग की लपटों के बीच कांस्टेबल के कंधे पर एक मासूम है। कांस्टेबल ने अपनी जान पर खेलकर मासूम समेत 3 लोगों को हिंसा में झुलसे इलाके से सुरक्षित निकाला। नेत्रेश की बहादुरी को देख मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उन्हें फोन कर बधाई और शुभकामनाएं दी. नेत्रेश को कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत करने एलान किया है. 

 

400 बच्चों की जान बचाने के लिए 10 किलो का बम लेकर 1 KM तक दौड़ा पुलिसवाला मध्य प्रदेश में सागर जिले के चितोरा गांव में एक पुलिस कॉस्टेबल ने बहादुरी की जबरदस्त मिसाल दी है। यहां एक कॉस्टेबल 400 स्कूली बच्चों की जान बचाने के लिए 10 किलो का बम लेकर 1 किलोमीटर तक दौड़ा। यह बम स्कूल कैंपस में पड़ा हुआ था। अभिषेक पटेल नाम के इस कॉस्टेबल ने अपनी जान की परवाह किए बगैर बिना किसी बम निरोधी ड्रेस के इस बम को उठाया और स्कूल से दूर खुले मैदान में ले जाकर रख दिया ताकि यदि बम फटे तो कोई जान-माल का नुकसान न हो।

चितोरा गांव के एक स्कूल में जब यह बम बरामद हुआ, उस वक्त स्कूल में 400 बच्चे मौजूद थे। अफरातफरी के माहौल के बीच करीब 10 किलो वजनी बम काफी देर तक वहीं पड़ा रहा। कोई भी उसके नजदीक जाने से इसलिए बच रहा था कि कहीं उसमें विस्फट न हो जाए। बाद में कॉन्स्टेबल अभिषेक पटेल ने हिम्मत दिखाते हुए गोले को उठाया और दौड़कर एक किलोमीटर दूर लेकर गया।

स्कूल के पास ही आर्मी की फायरिंग रेंज है। लेकिन ये बम वहां से स्कूल कैंपस में कैसे पहुंचा ये सवाल अब भी बना हुआ है। इसकी जांच जारी है। आर्मी ने बम को अपनी निगरानी में ले लिया है। पुलिस अधिकारियों ने जांबाज कॉस्टेबल अभिषेक पटेल को बहादुरी के लिये इनाम देने की घोषणा की है 16 घंटे के अंदर अपराधियों को गिरफ़्तार कर मासूम की जान बचा ली साल 2017 में तेलंगाना में एक मां सोकर उठी, तो उसने देखा कि किसी ने उसके 4 माह के मासूम बच्चे को किडनैप कर लिया. वो घबराकर तुरंत नंपली पुलिस  स्टेशन पहुंची.

पुलिस (Police) वालों को जैसी ही पता चला कि उन्होंने फ़ौरन सीसीटीवी फ़ुटेज खंगालनी शुरू की और महज़ 16 घंटे के अंदर अपराधियों को गिरफ़्तार कर मासूम की जान बचा ली. बच्चे को गोद में पकड़े इस कॉप की तस्वीर उस वक़्त काफ़ी वायरल हुई थी. तीर्थयात्री को अपनी पीठ पर लाद जान बचाया एक तीर्थयात्री को पहाड़ पर चढ़ाई के दौरान हार्ट अटैक आ गया. ऐसे में उत्तरकाशी जिले के बरकोट पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर लोकेंद्र बहुगुणा ने 55 वर्षीय  तीर्थयात्री को अपनी पीठ पर लाद लिया.

वो उन्हें लेकर दो किमी तक चढ़े और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र यमुनोत्री पहुंचाया. अगर लोकेंद्र थोड़ी भी देरी करते तो, मरीज़ की जान बचाना मुश्किल हो जाता.जब एक मुस्लिम को बचाया उत्तराखंड रामनगर में गिरिजा देवी का एक मशहूर मंदिर है. यहां एक कपल छुपकर मंदिर में मिलने आया था. लड़का मुसलमान है. लड़की हिंदू है. इसके बाद खूब हंगामा हुआ. भीड़ जुट गई. भीड़ उस मुस्लिम लड़के को पीटना चाहती थी. मगर ऐसा नहीं हुआ. सब-इंस्पेक्टर गगनदीप ने गुस्साई भीड़ और उस लड़के के बीच खड़े हो गए. भीड़ उस लड़के को मार देना चाहती थी. गगनदीप को भी धमकी दी. मगर वो पीछे नहीं हटे और लड़के को वहां से सुरक्षित निकाला. 

साल 2021 में तमिलनाडु में भारी बारिश का कहर हर जगह दिखाई दिया. चेन्नई में भी हर जगह पानी भर गया. इस दौरान बारिश में एक शख़्स बेहोश होकर सड़क पर पड़ा था. ऐसे में महिला पुलिस इंस्पेक्टर राजेश्वरी ने कंधे पर डालकर बचाया . उन्होंने रास्ते पर पड़े एक बेहोश आदमी को अपने कंधों पर उठाकर उसे अस्पताल तक पहुंचाया.लोगों की अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करने में मदद की

कोरोना महामारी के दौरान लाखों लोग मारे गए. ऐसे वक़्त में डर से लोग अंतिम संस्कार तक नहीं कर पा रहे थे. उस दौरान दिल्ली पुलिस के ASI असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) राकेश कुमार नायक बनकर उभरे. हजरत निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन में तैनात इस पुलिस वाले ने लोधी रोड श्मशान में लोगों की अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करने में मदद की. उन्होंने 1,000 से ज़्यादा लोगों के दाह संस्कार मे मदद दी. इस काम के चलते उन्होंने अपनी बेटी की शादी तक आगे बढ़ा दी थी. सब-इंस्पेक्टर (ASI) राकेश कुमार नायक विना  डरे लोगो का दाह संस्कार करते रहे.