हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत महत्व है. इस मास में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. सावन में सोमवार के व्रत का भी खास महत्व होता है. ऐसा माना जाता है कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है. शिव पुराण के अनुसार शंकर भगवान सावन माह में सोमवार का व्रत करने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
सावन के महीने का शिव भक्तों को हमेशा इंतजार रहता है. 24 जुलाई को आषाढ़ का महीना समाप्त हो जाएगा. इसके बाद 25 जुलाई, रविवार के दिन सावन का महीना शुरू हो जाएगा. इस दिन सावन के महीने की प्रतिपदा तिथि है. 26 जुलाई को सावन का पहला सोमवार पड़ेगा. सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित माना जाता है. सावन के महीने में सोमवार के दिन का खास महत्व होता है.
इस बार सावन के चार सोमवार व्रत पड़ रहे हैं. सोमवार का पहला व्रत 26 जुलाई को है जबकि इसका आखिरी सोमवार 16 अगस्त को है. सावन के हर सोमवार में बेल पत्र से भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है. सूर्योदय से पहले जागें और स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पूजा स्थल को स्वच्छ कर वेदी स्थापित करें. शिवलिंग पर दूध चढ़ाकर महादेव के व्रत का संकल्प लें.
सुबह-शाम भगवान शिव की प्रार्थना करें. पूजा के लिए तिल के तेल का दीया जलाए और भगवान शिव को पुष्प अर्पण करें. मंत्रोच्चार करने के बाद शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल और बेल की पत्तियां चढ़ाएं. व्रत के दौरान सावन व्रत कथा का पाठ जरूर करें. शास्त्रों में सावन के महीने को बहुत ही पवित्र महीना माना गया है.
इस माह में भगवान शिव की पूजा और उनका अभिषेक करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. इस माह में भगवान शिव अपने भक्तों को सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. जीवन में विवाह संबंधी कोई परेशानी आ रही हो तो सोमवार का व्रत और पूजा करने से लाभ मिलता है. सोमवार की पूजा हरे, लाल, सफेद, केसरिया, पीला या आसमानी रंग का वस्त्र पहन कर करनी चाहिए.