बेटा हो तो ऐसा: पिता के पास बची थी 6 महीने की जिंदगी तो बेटे ने अपना लिवर देकर बचाई जान


अक्सर हम सुनते हैं कि खून के रिश्ते बहुत गहरे होते हैं और परिवार से बढ़कर कुछ नहीं होता। लेकिन, जब वाकई इन रिश्तों को निभाने का वक्त आता है, तो असलियत का पता चलता है। कुछ लोग रिश्तों की अहमियत को समझते हुए परिवार के साथ खड़े हो जाते हैं, और कुछ मुंह फेर लेते हैं। लेकिन, एक बेटे ने अपने पिता का जीवन बचाने के लिए वो काम किया है, जिसे सुनकर शायद आपकी आंखें भी छलक जाएंगी।

दरअसल इस बेटे ने अपने लिवर का 65 फीसदी हिस्सा अपने पिता को डोनेट कर दिया, ताकि उनकी जान बचाई जा सके। ‘ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे’ की एक पोस्ट में इस शख्स ने अपनी पूरी कहानी का खुलासा किया है। शख्स के मुताबिक, ‘जब हमारी फैमिली को पता चला कि पापा का लिवर फेल हो गया है, मैं बहुत सदमे में पड़ गया। हम इसलिए भी हैरान थे, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में ना कभी सिगरेट पी और ना ही कभी शराब। और, जब डॉक्टर ने हमें बताया कि इस हालत में वो ज्यादा से ज्यादा 6 महीने ही जी पाएंगे, तो मैं एकदम असहाय हो गया।’

शख्स ने आगे बताया, ‘पापा ने मुझसे कहा कि वो मरना नहीं चाहते और मुझे ग्रेजुएट देखना चाहते हैं। हमारे घर में एक मायूसी छाई हुई थी। और, ठीक उसी दौरान देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई, जिसमें मैं संक्रमित हो गया। मैं आइसोलेट हो गया था और कमरे में अकेले पड़ा हुआ रोता था, क्योंकि जिस वक्त मेरे पिता को मेरी जरूरत थी, उस वक्त मैं उनके साथ नहीं था।’

इस पोस्ट में उसने कहा, ‘मैं उन्हें वीडियो कॉल करता और लूडो के खेल में उन्हें जानबूझकर जीतने देता, ताकि वो पॉजिटिव रहें। हम दोनों एक दूसरे को तसल्ली देते थे कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। मेरे लिए और ज्यादा बुरा वक्त आया, क्योंकि जैसे ही मैं कोरोना वायरस से ठीक हुआ, मेरे पापा संक्रमित हो गए। उन्हें बीच-बीच में हॉस्पिटल ले जाना होता था, इसलिए मैं अपनी पढ़ाई उनके पास बैठकर ही करता था, क्योंकि मुझे उनका सपना भी पूरा करना था।’