जब भी हम किसी मॉल या स्टोर में जाते हैं तो ज्यादातर स्टोर कैरी बैग के लिए हमसे कुछ अतिरिक्त पैसे वसूलते हैं। स्टोर कैरी बैग की कीमत 3 रुपये से 17 रुपये तक है। अब हाल ही में एक कैरी बैग को लेकर एक मामला सामने आया है, जिसमें एक स्टोर को कैरी बैग के पैसे चार्ज करने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ी , जब खुदरा विक्रेता ने एक ग्राहक से कैरी बैग के लिए 12 रुपये लिए, तो उसने बदले में कोर्ट में केस कर डाला जिसके बाद स्टोर को ग्राहक को ही 21,000 रूपये देने पड़े | दरअसल, यह फैसला आंध्र प्रदेश के विजाग शहर की कंज्यूमर कोर्ट ने अपने एक आदेश में दिया है
पूरा मामला
दरअसल ये पूरा मामला विशाखापत्तनम का है जहां एक वकील सीपना रामा राव ने 600 रुपये से ज्यादा कीमत के कपड़े खरीदे थे चेकआउट के समय जब उसे कैरी बैग के लिए 12 रुपये देने के लिए कहा गया तो उसने कैरी बैग के लिए 12 रुपये देने से इनकार कर दिया। कैशियर ने ऐसा करने की जिद की तो उसने स्टोर मैनेजर से बात की।मैनेजर ने भी उसे बैग फ्री में देने से मना कर दिया। जब राव ने उन्हें समझाया कि स्टोर का विज्ञापन करने वाले बैग के लिए शुल्क लेना गैरकानूनी है, तो वे नहीं माने। इसके बाद ग्राहक ने शहर की उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया और मानसिक प्रताड़ना के लिए मुआवजे की मांग की। जिसके बाद आयोग ने दुकान को मानसिक प्रताड़ना के लिए 21,000 रुपये मुआवजे के तौर पर देने का भी निर्देश दिया है
ऐसा ही मामला चंडीगढ़ में भी हुआ
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हाल ही में चंडीगढ़ उपभोक्ता आयोग ने बाटा इंडिया लिमिटेड पर जुर्माना भी लगाया था बाटा ने एक ग्राहक से जूते का डब्बा ले जाने के लिए पेपर बैग के लिए 3 रुपये का शुल्क लिया था, जिसके बाद आयोग ने कंपनी को 9,000 रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया था। उपभोक्ता आयोग के मुताबिक अगर कंपनियां पर्यावरण की रक्षा के लिए पर्यावरण के अनुकूल बैग मुहैया करा रही हैं तो उन्हें ये मुफ्त बैग ग्राहकों को देने चाहिए उस पर कोई चार्ज नहीं लेना चाहिए।
कानून क्या कहता है ?
जीएनटी डिजिटल ने दिल्ली हाई कोर्ट के वकील देवेश अजमानी और रांची में प्रैक्टिस कर रहे एडवोकेट प्रीतम मंडल से इस बारे में बात की। इस पर अधिवक्ता देवेश अजमानी का कहना है कि यह कानूनी रूप से मान्य है। यदि उत्पाद उसी स्टोर से खरीदा जाता है तो स्टोर ग्राहकों से बैग के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकता है। साथ ही, मौजूदा कानूनों के तहत, दुकानदारों को कैरी बैग के लिए उपभोक्ताओं से कोई अन्य शुल्क लेने की अनुमति नहीं है, क्योंकि बैग में उनका लोगो और नाम होता है, इसलिए बैग उनके विज्ञापन का हिस्सा बन जाता है। जिससे उन्हें ही फायदा होता है।