पिता ने रिक्शा चला कर बेटे को पढ़ाया , आज बेटे ने Bihar Topper बन किया परिवार का नाम रोशन


अक्सर हम लोगो के दिमाग में यही चलता है की अगर डॉक्टर है तो उसका बच्चा डॉक्टर ही बनेगा कोई शिक्षक है तो उसका बच्चा भी वही बनेगा वही दूसरी तरफ कोई रिक्शाचालक है तो उसका बच्चा भी वही काम करेगा लेकिन ऐसा नहीं है दोस्तों आज हम जो कहानी आपको बताने जा रहे है वह एक रिक्शे चालक के बच्चे की है जिसने ये साबित कर दिखाया है कि एक रिक्शाचालक का बेटा होते हुए वह एक बड़ा इंसान बन सकता है और इससे उसने लोगो कि आईडिओलॉजी को गलत साबित कर दिखाया है।

दरअसल ये कहानी है गोपालगंज के कटघरवा मुहल्ला निवासी की जिसने आर्ट स्ट्रीम में 482/500 (96.4%) अंक प्राप्त किये है। सगंम राज के पिता जनार्दन साह ई-रिक्शा चलाते हैं। जनार्दन साह सहित पूरा परिवार में काफी खुशी का माहौल है। संगम राज तीनो स्ट्रीम में 482/500 (96.4%) अकों के साथ सबसे अधीक अंक लाने वाले छात्र हैं। इसके अलावा साइंस स्ट्रीम में दो टॉपर्स सेम अंक लाएं हैं। इसमें नवादा के सौरभ और औरंगाबाद के अर्जुन कुमार 472/500 (94.4%) अंक प्राप्त कर टॉपर्स की श्रेणी में अपना स्थान बनाया है।

आपको बता दे कि इसके साथ ही कॉमर्स स्ट्रीम से राज्य की राजधानी पटना के अंकित कुमार गुप्ता 473/500 (94.6%) अंक प्राप्त कर टॉपर बन गए हैं। टॉपर संगम राज तीन भाई-बहन है। उनकी इस शानदार उपलब्धि से सभी भाई बहन में उत्साह है। वहीं पिता गर्व से अभिभूत हैं। संगम आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैं। वे मेहनत और लग्न के बूते आईएएस अधिकारी बन माता पिता का नाम रौशन करना चाहते हैं। यहाँ दी गई जानकारी पाठकों की डिमांड पर तैयार की गई है, आपको यह खबर कैसी लगी कमेंट में जरूर बताएं।

जब देश में ऐसे होनहार बच्चे सामने आते है तो माँ-बाप के साथ हर देशवासी का सीना गर्व से ऊँचा होजाता है। ऐसे बच्चे हमारे देश का भविष्य है और इन्हे आगे बढ़ाने के लिए देश की सरकार को स्कॉलरशिप देनी चाहिए। ऐसे बच्चे गरीबी में बचपन गुजार देते है इनको सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मुहैया कराई जाती जो सरासर गलत है।