कभी गली-गली जा कर मांगा करते थे भीख, आज बन चुके है 40 करोड़ के बिज़नेस के मालिक


आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे है जो एक समय पर अपने पिता के साथ मिलकर लोगों से भीख माँगा करता था पर आज उसने अपनी मेहनत और परिश्रम से करोड़ो का बिज़नेस खड़ा कर लिया है , हम जिस व्यक्ति की बात कर रहे है उनका नाम रेणुका आराध्या है जो बेंगलोर के गोपसंदरा गांव में रहा करते थे | 

कभी माँगा करते थे भीख..

एक समय ऐसा था की रेणुका अपने गांव की गलियों में जा कर लोगों से भीख मांगते थे पर आज उन्होंने अपने दम पर 40 करोड़ रूपये का बिज़नेस खड़ा कर लिया है , उनका जन्म एक गरीब पुजारी के घर में हुआ था उनके परिवार की आर्थिक स्तिथि कभी भी अच्छी नहीं थी वो दुसरो के घरो में नौकर बन कर काम करते थे , काफी मेहनत कर उन्होंने किसी तरह अपनी 10वी कक्षा तक की पढ़ाई पूरी की , इसके बाद वो एक बुज़ुर्ग व्यक्ति के घर में काम करने लगे , उन्हें अपनी आगे की पढ़ाई भी पूरी करनी थी इसलिए उन्होंने शहर जाने का फैसला किया |

फैक्ट्री में किया काम..

रेणुका के पिता ने उनका नाम शहर के किसी आश्रम में करवा दिया पर वहा उन्हें सिर्फ 2 वक्त का खाना मिलता था जिस वजह से वो ठीक से पढ़ाई भी नहीं कर पाते थे इसलिए वो वहा विफल हो गए और अपने गांव वापस लौट गए , जब वो गांव वापस आये तो कुछ समय बाद ही उनके पिता  इस दुनिया से चल बसे जिसके बाद परिवार की पूरी ज़िम्मेदारी उन पर आ गयी , परिवार का पेट पालने के लिए उन्होंने बर्फ और प्लास्टिक बनाने वाली फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया | इसके बाद उन्होंने बैग की फैक्ट्री में भी काम किया | कई सालों तक वो factories में ही काम करते रहे जिसके बाद उन्होंने खुद का कुछ काम करने का सोचा | 

3 लाख रूपये का हुआ घाटा..

रेणुका ने सूटकेस के कवर बनाने का बिज़नेस शुरू किया पर उस बिज़नेस में उन्हें 3 लाख रूपये का नुकसान हो गया जिसके बाद उन्होंने एक सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करना शुरू किया , वो अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते थे इसलिए उन्होंने नौकरी के साथ ड्राइविंग भी सीखी जिसके बाद उनकी जॉब एक ट्रेवल कंपनी में एक ड्राइवर के रूप में लग गई, वो रोज़ाना कई टूरिस्ट्स को घुमाते थे , 4 साल एक ड्राइवर के तोर पर काम करने के बाद उन्होंने अपनी खुद की ट्रेवल एजेंसी खोलने की सोची और अपनी पहली कार खरीद कर ये बिज़नेस शुरू किया

आज 40 करोड़ के बिज़नेस के मालिक बन गए है..

उन्होंने अपनी कंपनी का नाम रखा ‘city safari’, उन्होंने ये कंपनी बैंक से लोन लेकर और अपनी सेविंग के पैसों से खोली , उसी दौरान एक कंपनी घाटे में चल रही थी और वो अपनी कंपनी को बेचना चाहती थी तभी रेणुका ने उस कंपनी को 6 लाख रूपये में खरीद लिया जिसके पास 35 cabs थी , उनका बिज़नेस धीरे-धीरे काफी बढ़ गया और आज उनके बिज़नेस का टर्नओवर 40 करोड़ है | वो अपने इस बिज़नेस से 150 से भी ज़्यादा लोगों को रोज़गार देते है और साथ ही महिला ड्राइवर्स को भी प्रोत्साहित करते है , ये ही नहीं वो उन लोगों को भी अपनी खुद की कार खरीदने के लिए 50 हज़ार रूपये तक दे देते है , रेणुका सभी के लिए के बहुत बड़ी मिसाल है जिन्होंने साबित कर दिया की अगर आप के अंदर लगन है तो आप कोई भी मंज़िल पा सकते है