पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया है. वह पिछले 31 साल से जेल में है.
11 जून 1991 को आरोपी हुआ था गिरफ्तार
आपको बता दें कि एजी पेरारिवलन को 11 जून 1991 को 19 साल की उम्र में गिरफ्तार किया गया था. पेरारीवलन पर हत्या का मास्टरमाइंड करने के लिए दो 9 वोल्ट की बैटरी खरीदने का आरोप है. इन बैटरियों का इस्तेमाल हत्या में इस्तेमाल किए गए बम में किया गया था. वहीं राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे एजी पेरारिवलन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा था कि तमिलनाडु सरकार ने उन्हें रिहा करने का फैसला किया था, लेकिन राज्यपाल ने फाइल अपने पास रख ली. उसे लंबे समय तक. इसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया. यह संविधान के खिलाफ है.
Supreme Court orders release of AG Perarivalan, one of the convicts serving life imprisonment in connection with the assassination of former Prime Minister Rajiv Gandhi.
— ANI (@ANI) May 18, 2022
केंद्र ने रिहाई का किया था विरोध
इससे पहले 11 मई को हुई सुनवाई में केंद्र ने एजी पेरारिवलन की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजने के तमिलनाडु के राज्यपाल के फैसले का बचाव किया था. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति एएस बोप्पन के समक्ष प्रस्तुत किया कि केवल राष्ट्रपति ही केंद्रीय कानून के तहत दोषी व्यक्ति की छूट, क्षमा और दया याचिका के संबंध में एक याचिका पर फैसला कर सकते हैं. कर सकते हैं. ,