एक सरकारी नौकरी पाने के लिए हर किसी को कड़ी मेहनत और परिश्रम से गुजरना पड़ता है। ऐसे में राजस्थान के सीकर की प्रमिला नेहरा 26 साल की है और बीते 5 सालों में उन 9 सरकारी नौकरियां हासिल कर चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी वह हर बार अपनी मर्जी से सरकारी नौकरी छोड़ देती है। आइए जानते हैं आखिर वह क्या करना चाहती हैं प्रमिला नेहरा…
बीते 5 सालों में उन 9 सरकारी नौकरियां हासिल कर चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी वह हर बार अपनी मर्जी से सरकारी नौकरी छोड़ चुकी है, 7 नौकरियां छोड़ दी है और आठवीं नौकरी के रूप में वह राजस्थान के नागौर जिले के नावां लिचाड़ा में सरकारी स्कूल में बतौर वरिष्ट शिक्षिका काम करती है। प्रमिला की शादी सीकर जिले के गांव बोदलासी के राजेंद्र प्रसाद शर्मा से हुई है। बता दे राजेंद्र प्रसाद दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल कार्यरत हैं।
साल 2013 में उन्होंने परीक्षा देने और खुद को जांचने का सफर शुरू किया था। साल 2013 में एसएससी जीडी और राजस्थान पुलिस में बतौर कांस्टेबल लगी थी। हालांकि उनका मकसद इस नौकरी को पाना नहीं सिर्फ अपनी प्रतियोगिता परीक्षा को टेस्ट करना था। आलम यह रहा कि वह दोनों ही परीक्षाओं में पास हो गई। मगर दोनों में से किसी भी पद पर उन्होंने ज्वाइन नहीं की।
साल 2016-17 में भी उन्होंने एक साथ कई परीक्षाएं दी। उनके लिए उपलब्धि यह रही कि पटवारी, ग्राम सेवक, एलडीसी और महिला सुपरवाइजर सभी ने उनका चयन हो गया, लेकिन यहां भी उन्होंने किसी पद पर भी ज्वाइन नहीं किया।सरकारी परीक्षाओं के एग्जाम पास करते हुए प्रमिला ने साल 2015 में बतौर सरकारी नौकरी थर्ड ग्रेड टीचर ज्वाइन किया था। सांवली के सीकर में उन्होंने यह पद ग्रहण किया। इसके बाद साल 2017 में 22 वीं रैंक में वह वरिष्ठ शिक्षिका के रूप में चयनित हुई तो यहां भी उन्होंने ज्वाइन किया। बता दे यह उनकी आठवीं नौकरी है।
इसके बाद उन्होंने हाल ही में साल 2020 में अंग्रेजी के व्याख्याता के रूप में 9 वीं रैंक पर नौवीं बार नौकरी हासिल की है। इसी साल के सीटेट और दो बार आरएएस प्री में भी वह पास हो चुकी है। ऐसे में अब वह फस्ट ग्रैड टीचर के पद पर चयनित हुई है।अपनी नौकरी को लेकर भी प्रमिला नेहरा का यही कहना है कि वह यहां नहीं रूकना चाहती है। उनका लक्ष्य यूपीएससी परीक्षा को पास करना है और वह अपने लक्ष्य को पाने के लिए अब तक हर बार सिर्फ इन परीक्षाओं को अपने प्रतियोगी परीक्षा टेस्ट को जांचने के लिए ही देती रही है। वह जल्द ही अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहती है।