हमारे जीवन में ऐसे कई पल आते है जब हमें ज़िंदगी जीने के लिए संघर्ष करना पड़ता है,हम बिना हिम्मत हारे अपना जीवन व्यतीत करने का प्रयास करते रहते है , आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे है जो की पिछले 60 सालों से एक मशीन में बंद हैं पर अपनी ज़िंदगी से हारे नहीं और तो और मशीन में बंद रहते हुए ही उन्होंने लोगों को मोटीवेट करने के लिए एक बुक भी लिख डाली
60 सालों से मशीन में बंद है शख्स
हम जिस शख्स की बात कर रहे है उनका नाम पॉल अलेक्जेंडर है , पॉल पिछले 60 वर्षों से एक टैंक जैसी मशीन में बंद है क्यूंकि वो ही उनके जीने का सहारा है इसलिए वो हमेशा उस मशीन में ही लेटे रहते है | दरहसल पॉल को 1952 में सांस लेने की परेशानी हुई थी और उन्हें पोलियो का अटैक आया था उसके बाद से ही उनकी पूरी ज़िंदगी बदल गई और उन्हें अपना जीवन जीने के लिए एक मशीन का सहारा लेना पड़ा |
लोगों को मोटीवेट करने के लिए लिखी किताब
पॉल को आयरन लंग मशीन में रखा गया , डॉक्टरों ने उम्मीद जताई थी की जब वो थोड़े बड़े हो जायेगे तो अच्छे से रिकवर हो जाएंगे पर ऐसा नहीं हुआ और वो अभी भी 60 सालों से उस मशीन में ही बंद है | मशीन में बंद रहते हुए भी उन्होंने जीने का जज़्बा नहीं छोड़ा और लॉ की पढ़ाई भी की | पॉल किसी तरह से लोगों को मोटीवेट करना चाहते थे पर उन्हें कोई ज़रिया नहीं मिल रहा था पर बाद में उन्होंने फैसला किया की वो एक किताब लिखेंगे |
आज पूरी दुनिया में है उनकी किताब की डिमांड
पॉल ने लगभग 8 सालों तक पल्स्टिक की स्टिक से कीबोर्ड चला कर अपनी किताब लिखी , इससे साफ़ ज़ाहिर होता है की वो ज़िंदगी से हार मानने वालों में से नहीं है , किताब लिखने में उन्हें काफी मुश्किल ज़रूर हुई पर उन्होंने किताब लिखना नहीं छोड़ा और उसे पूरा किया | पॉल ने अपनी किताब का नाम रखा ‘द मैन इन आयरन लंग’ (The Man in Iron Lung), आज उनकी किताब की डिमांड पूरी दुनिया में है क्यूंकि सब लोग उनकी ज़िंदगी के बारे में जानना चाहते है