भारत देश महान ये टैग लाइन इसलिए भारत को दी गयी है क्यूंकि यहाँ हर जाती व् धर्म के लोग रहते है यहाँ भगवन को मानने की आस्था सबसे अलग है। यहाँ जितने शहर है उतने ही धर्म को मानने वाले लोग भी है। इस देश में धर्म, भावना और आस्था का स्थान काफी ऊपर है, लोग तरह तरह के भगवान की पूजा करते हैं और इसमें उनको काफी खुशी भी मिलती है। अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको हिला कर रख दिया है दरअसल ये मामला बिहार का है जहाँ भगवान के मंदिर में परशाद के रूप में कोई मिठाई या फल नहीं बल्कि बीड़ी चढ़ाई जाती है जी हाँ ये सुनने में जरूर अटपटा लगेगा लेकिन एक दम सच है।
जानकारी के लिए बता दे ये मंदिर बिहार के कैमूर जिले में स्थित है। जहाँ एक प्रसिद्ध न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार मंदिर कैमूर जिले के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित अघौरा पहाड़ चढ़ने से पहले खुटिया इलाके में बना हुआ है।इस मंदिर में मुसहरवा बाबा की मूर्ति प्रतिस्थापित है और वही इस मंदिर के भगवान हैं। जैसे लोग अन्य मंदिरों में अगरबत्ती और दीये जलाते हैं वैसे ही यहां बाबा के मंदिर में बीड़ी जलाई जाती है।और ये मान्यता बेहद पुरानी चली रही है। जिसे आजतक लोग अपना रहे है।
दरअसल यहाँ काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं और मंदिर में मुसहरवा बाबा के दर्शन के बाद उन्हें बीड़ी का बंडल खोलकर उसे सुलगाना पड़ता है और फिर चढ़ाना पड़ता है। इतना ही नहीं सबसे हैरानी की बात ये है की यहाँ बाबा को बीड़ी का भोग लगाने से वे प्रसन्न होते हैं और बीड़ी चढ़ाने वाले की इच्छा को पूरी करते हैं। मान्यता यह भी है कि इधर से होकर गुजरने वाला प्रत्येक यात्री बीड़ी का भोग लगाता है। ऐसा करने से उसकी इच्छा पूरी हो जाती है।
अगर मंदिर के पुजारी की बात करे तो इस मंदिर में जो पुजारी है उनका नाम गोपाल बाबा है। उनका कहना है कि यहां तक पहुंचने के लिए पहाड़ी का सफर तय करना पड़ता है। इस दौरान सावधानी की सामग्री के साथ एक बंडल बीड़ी लेकर आना होता है। उसके बाद ही आपकी यात्रा पूरी मानी जाएगी। पुजारी के मुताबिक मुसहरवा बाबा को वर्षों से बीड़ी का भोग लगता रहा है। जो यात्री या राहगीर बीड़ी का भोग लगाना भूल जाते हैं वो दोबारा लौटकर आते हैं और भोग लगाकर जाते हैं।