कई बार इंसान के लुक पर नहीं जाना चाहिए सदाहरण सा दिखने वाला इंसान भी कई बड़े कारनामे कर सकता है। सोचिये अगर आपसे पुछलिया जाए की सबसे ताकतवर महिला की लिस्ट में आपके हिसाब से कौन शामिल हो सकता है तो आप किसी एक्ट्रेस या बड़ी राजनेता का बिज़नेस वुमन का नाम ही बताएंगे लेकिन अगर हम आपसे कहे की फोर्ब्स की सबसे ताकतवर भारतीय महिलाओं की सूची में ओडिशा की एक आशा कार्यकर्ता ने स्थान हासिल किया है।तो इसपर आपका क्या रिएक्शन होगा हम भली भांति समझते है इसमें कोई शक नहीं आइये आपको बताते है आखिर ऐसा क्या है इस महिला में जो इन्हे इस लिस्ट में शामिल किया गया।
दरअसल जानकारी के लिए आपको बता दे ओडिशा राज्य के सुंदरगढ़ जिले में पिछले 15 सालों से एक आशा वर्कर काम करने वाली मतिल्दा कुल्लू को फोर्ब्स ने दुनिया की ताकतवर महिलाओं की सूचि में स्थान दिया है। फोर्ब्स इंडिया डब्ल्यू-पॉवर 2021 सूचीमें अमेजन प्राइम की हेड अपर्णा पुरोहित और सेल्सफोर्स इंडिया की CEO अरुंधति भट्टाचार्य को भी स्थान दिया गया है।इस दोनों महिलाओं के साथ ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले की 45 वर्षीय आदिवासी महिला आशा कार्यकर्ता मतिल्दा कुल्लू का नाम भी है। इस उड़िया महिला ने फोर्ब्स इंडिया महिला सशक्तिकरण लिस्ट में अपने देश भारत में तीसरा स्थान हासिल किया है। हम मतिल्दा की बात इस कारन से कर रहे हैं, क्योंकि यह एक आम आशा कार्यकर्ता है। यह कोई नेत्री या व्यवसाई नहीं है।
Many congratulations #Matilda_Kullu , the #ASHA worker of #Sundargarh being in the list of W-Power 2021 list of @Forbes@Naveen_Odisha she is an inspiration to millions, If you could allow special grants for these exceptional contributors please !https://t.co/sVW2ioqAll pic.twitter.com/KiPeS2luvE
— GLOWO | ଗ୍ଲୋ ( Global Western Odisha ) (@glowohelps) November 28, 2021
वह आज भी खूब मन लगाकर मेहनत से ओड़िशा की बड़ागाव तहसील के गर्गडबहल गांव में काम कर रही है। मतिल्दा ने अपने जीवन में बहुत संघर्षकिया है। एक वक़्त ऐसा था, जब लोग इनकी गए और बातों का उपहास बनाते थे। फिर कुछ ऐसा हुआ की वही लोग आज के समय में उनकी रिस्पेक्ट करते है।आपको बतादे उन्हें ये पोजीशन खूब मेहनत के बाद मिली वह रोज सुबह 5 बजे उठती फिर अपने पालतू जानवर और मवेशियों की के खान पान का प्रबंध करती है। उसके बाद घर का खाना बनाती है। इस सब कामों को करने के बाद वे गांव के लोगों की भलाई के मकसद से घर से निकल जाती हैं। मतिल्दा साइकिल से गांव की गली गली जाती है। लोगो से बातचीत करती है।
Matilda Kullu has been an ASHA worker for 15 years. During the pandemic, she became the Covid Warrior for the 964 people of Gargadbahal village, in Baragaon tehsil of Odisha’s Sundargarh district. Here's her story
By @NaandikaT #ForbesIndiaWPower https://t.co/7KUfSzuncL
— Forbes India (@ForbesIndia) November 27, 2021
एक इंटरव्यू के दौरान मतिल्दा ने बताया उनके लिए शुरुआती सफर बेहद मुश्किल भरा था,क्योंकि बीमार होने पर यहां के लोग अस्पताल नहीं जाते थे। जब वे लोगो को अस्पताल जाने को बोलती थी, तो वो उनपर हँसते थे। फिर लोगों को उनकी बात समझ में आने लगी और उनकी सलाह के मुताबिक़ लोग किसी भी बीमारी का इलाज कराने अस्पताल पजाने लगे।जब महामारी फैली और आपदा काम आया, तब उनकी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई थी। उस वक़्त वे रोज संक्रमण वाले 50 से 60 मरीजों के टेस्ट करने उनके घर जाती थीं। ऐसे में गांव के लोग उनकी बात पर अमल करने लगे।