रोजाना कोई न कोई ऐसी खबर सुनने को मिल ही जाती है जिसपर यकीन कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। आम तौर पर हम सभी ने आजतक इंसानों को कोर्ट में पेशी पर जाते हुए देखा है कोई मुकदमा एक इंसान दूसरे इंसान पर करता है जिसके लिए इंसान को हो कोर्ट में पेश होना पड़ता है लेकिन अगर हम आपसे कहे कीभगवान को कोर्ट में पेशी के लिए बुलाया गया तो क्या आप इसपर यकीन करेंगे ?मालूम है नहीं लेकिन ऐसा ही एक वाकया हुआ है जहाँ एक भगवन को पेशी के लिए कोर्ट में बुलाया गया। आइये जानिए पूरा मामला।
दरअसल मामला ये सामने आया छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से जहां एक तहसीलदार कोर्ट ने भगवान भोलेनाथ को शंकर को नोटिस जारी कर तलब किया था, इतना ही नहीं न आने पर 10 हजार रुपये जुर्माना और बेदखली की चेतावनी भी दी गई थी।वहीं अब भगवान शंकर की पेशी के लोग असमंजस में थे कि उन्हें कोर्ट तक उन्हें कैसे ले जाया जाएं इसके लिए मंदिर से जुड़े लोगों और भक्तों ने एक अनूठा रास्ता खोज निकाला। मंदिर के शिवलिंग को नाग समेत उखाड़ दिया और रिक्शे में बैठाकर कोर्ट पहुंच गए जिसे देख कोर्ट परिजस के लोग काफी हैरान हुए।
ऐसे में शुक्रवार को कऊहाकुंडा वार्ड के स्थानीय लोग शिवलिंग को रिक्शे में लेकर नोटिस की कॉपी के साथ तहसील न्यायालय में पेशी पर पहुंचे. तहसीलदार जनसुनवाई में व्यस्त होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं कर सके. इस मामले में नायब तहसीलदार का कहना है कि मंदिर को नोटिस, लिपिकीय त्रुटि की वजह से जारी हुआ था. इस मामले में अन्य लोगों को नोटिस दिया गया है. नोटिस की सुनवाई अप्रैल महीने की 13 तारीख को होगी.
हालांकि इस समय तहसीलदार कोर्ट में मौजूद नहीं थे, इसलिए भगवान शंकर को पेशी की नई तारीख 13 अप्रैल मिली है।गौरतलब है कि हाईकोर्ट में कुछ दिनों पहले अवैध कब्जे को लेकर याचिका दायर की गई थी जिसके बाद प्रशासन ने नोटिस जारी कर रायगढ़ शहर के कौवाकुंडा स्थित शिव मंदिर को अवैध कब्जे की शिकायत का नोटिस भेजा। नोटिस भगवान शंकर के नाम से था, इसलिए यह प्रकरण काफी सुर्खियों में रहा। अब सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हो रही है।