भारतीय सेना हर मुश्किल घड़ी में बड़ी निडरता के साथ देश की रक्षा के लिए डटी है। किसी शत्रु देश को मुंहतोड़ जवाब देना या देश को किसी प्राकृतिक आपदा से बचाना। भारतीय सेना के जवान अपनी जान हथेली पर रखकर पहली पंक्ति में खड़े होते हैं। देश की खातिर इन शूरवीरों को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। भारतीय सेना ने देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए पिछले 7 दशकों में दुश्मनों से कई युद्ध लड़े हैं। इनमें से अधिकांश में उन्हें सफलता मिली है। लेकिन आज हम बात करेंगे 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के उस हीरो की, जिसने पाकिस्तान की हार की पटकथा लिखी थी.
1- BSF
बीएसएफ की स्थापना 1965 में हुई थी। भारतीय सेना के इस बल का मुख्य कार्य घुसपैठ के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर नजर रखना है। इसका फुल फॉर्म सीमा सुरक्षा बल है।
2- CISF
CISF की स्थापना 1969 में CISF में हुई थी। भारतीय सेना के इस बल का मुख्य कार्य केंद्र सरकार के औद्योगिक परिसरों की सुरक्षा करना है। इसका फुल फॉर्म सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स है।
3- CRPF
सीआरपीएफ की स्थापना वर्ष 1939 में हुई थी। इसका मुख्य कार्य राज्य पुलिस या केंद्र शासित प्रदेश की पुलिस को कानून और व्यवस्था बनाए रखने में सहायता करना है। 30 मार्च 1986 को कमीशन की गई महिला बटालियन (सीआरपीएफ की 88वीं बटालियन) पूरी तरह से महिलाओं से युक्त दुनिया का पहला अर्धसैनिक बल है। इसका फुल फॉर्म सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स है।
4- ITBP
ITBP (ITBP) की स्थापना 1962 में चीनी हमले के बाद हुई थी। भारतीय सेना के इस बल का मुख्य कार्य उत्तर भारत की सीमाओं की रक्षा और निगरानी करना है। इसका फुल फॉर्म भारत-तिब्बत सीमा पुलिस है।
5- NSG
NSG की स्थापना 1984 में देश में चरमपंथ से निपटने के लिए की गई थी। यह भारतीय सेना का एक उच्च प्रशिक्षित बल है जो आतंकवादियों से प्रभावी ढंग से निपटता है। इसका फुल फॉर्म नेशनल सिक्योरिटी गार्ड होता है।
6- SSB
एसएसबी की स्थापना 1963 में हुई थी। भारतीय सेना के इस बल का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर नियंत्रण करना और सीमावर्ती आबादी में राष्ट्रवाद की भावना पैदा करना है। यह भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमाओं की रक्षा करता है। इसे पहले विशेष सेवा ब्यूरो कहा जाता था। इसका फुल फॉर्म सशस्त्र सीमा बल है।
7- SFF
SFF की स्थापना 14 नवंबर 1962 को हुई थी। यह भारतीय सेना की ‘स्पेशल ऑपरेशंस यूनिट’ है। इसमें पहले मुख्य रूप से भारत में रहने वाले तिब्बती शरणार्थी शामिल थे। लेकिन अब इसका आकार और संचालन का दायरा बढ़ गया है। इसका मुख्यालय चकराता, उत्तराखंड में है। इसका फुल फॉर्म स्पेशल फ्रंटियर फोर्स है।