भारत जैसे देश में टैलेंट की कमी नहीं है यहाँ आपको कोई न कोई टैलेंट जरूर देखने को मिल जाएगा। अब एक ऐसे टैलेंट से हम आपको मिलवाने जा रहे है जिसने सभी को इम्प्रेस कर दिया है। एक 17 वर्षीय आकांक्षा जो इस उम्र में हारमोनियम, तबला, सितार, गिटार जैसे कई संगीत वाद्ययंत्र बजाना जानती हैं. इतना ही नहीं बल्कि वह भरतनाट्यम जैसी 60 से अधिक गतिविधियों में कुशल हैं. वे इन सभी कलाओं की कई प्रतियोगिताओं में पुरस्कार भी हासिल कर चुकी हैं. कॉलेज के फर्स्ट ईटर की स्टूडेंट आकांक्षा ने बताया कि वे पिछले 4 साल में 300 शील्ड और 600 प्रमाणपत्र हासिल कर चुकी हैं.
इतना ही नहीं आपको ये जानकर बेहद हैरानी होने वाली है की आकांशा हिंदी, तेलुगू, कन्नड़ और मराठी में गा सकती हैं. इसके साथ ही उनको अंग्रेजी भाषा का भी अच्छा ज्ञान है. वह पेंट कर सकती हैं, रंगोली और मेहंदी आर्ट बना सकती हैं, भरतनाट्यम कर सकती हैं, भजन गा सकती हैं और साथ ही कराटे और किक-बॉक्सिंग भी कर सकती हैं.उनका ये टैलेंट अब पूरे भारत में मशहूर हो रहे है। उनकी ये कला बेहद छोटी उम्र से उनमे आ गयी थी जिसके बाद उनके टैलेंट की लिस्ट बढ़ती ही गयी।
दरअसल आपको बता दे आकांक्षा पुराणिक के माता-पिता का नाम प्रमोद और रूपाली पुराणिक की बेटी हैं. प्रमोद कलबुर्गी के एक डेंटल कॉलेज और अस्पताल में टेक्नीशियन हैं. जबकि रूपाली कभी स्कूल की प्रिंसिपल थीं. लेकिन आकांक्षा पर ध्यान देने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी. आकांक्षा ने पांच साल की उम्र में संगीत सीखना शुरू कर दिया था और तब से उसने नए कौशल और शिल्प को सीखना बंद नहीं किया है. अपनी कई प्रतिभाओं पर ध्यान देने के बावजूद आकांक्षा अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देती हैं.वह स्कूल में भी अवल नंबर लेकर पास हुई थी।
इतना ही नहीं बल्कि उनके टैलेंट की लिस्ट अभी लम्बी है, दरअसल आकांशा ने आकांक्षा ने जिला स्तर पर ऊंची कूद, लंबी कूद और 100 मीटर दौड़ में जीत हासिल की है. वह किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप में राष्ट्रीय स्तर पर हिस्सा ले चुकी हैं. वे मैसूर में स्टेट चैंपियनशिप की विजेता रही थीं. लोगों की भलाई के काम करने के लिए आकांक्षा यूपीएससी परीक्षा में बैठने की भी इच्छुक हैं. फिलहाल इस समय उनका पूरा ध्यान कराटे और किक बॉक्सिंग पर है. आकांक्षा को जानने वालों का कहना है कि वे बहुत तेजी से सीखने की क्षमता रखती हैं.