सोशल मीडिया पर इन दिनों कोई ना कोई वीडियो या तस्वीर लोगों के बीच ट्रेडिंग बना रहता है लेकिन जब भी ममता की मूरत मां से जुड़ा कुछ सामने आता है, तो वो हमारे दिल को छू जाता है। इन दिनों एक ऐसी ही तस्वीर लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। इस तस्वीर को देखने के बाद आप अपनी मां के गले जरूर लग जाएंगे।
मां का होना इस धरती पर
इसके साथ ही आपको वो वाली कहावत ‘मां का होना इस धरती पर, स्वर्ग सा नरम बिछोना है, दुनिया के सब सुख से बढ़कर, मां के आंचल का कोना है’ जरूर याद आ जाएगी। कहते हैं मां के आंचल की छाया संसार की सबसे सुरक्षित स्थान है। यहां हमारा कोई भी बाल भी बांका नहीं कर सकता। अब वायरल हो रही इस तस्वीर को ही देख लीजिए, जहां तपती गर्मी में मां के साथ उनके बच्चे चल रहे होते हैं, गर्मी तेज है सड़क तप रही है, इससे बचने के लिए बच्चों ने अपनी मां के आंचल को अपना छांव बना लिया।
मां ने बचाया अपने बच्चो को धूप से
इस आंचल की छांव में बच्चे तप्ती धूप से बच जाते हैं। वे राहत की सांस महसूस करते हैं गौरतलब है कि इन दिनों गर्मी का सीजन है। ऐसे में तेज धूप से सड़क भयंकर तप रही है। माहौल भी बड़ा गरमा रहा है। ऐसे में बच्चों की हालत गर्मी में बहुत खराब हो जाती है। यह बात मां अच्छे से जानती है। इसलिए बच्चों को धूप से बचाने के लिए वह अपने आंचल का सुरक्षा कवच बना लेती है।
IAS अधिकारी ने शेयर की फोटो
वायरल हो रही इस तस्वीर को भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सोनल गोयल ने शेयर किया है। जिसके साथ उन्होंने कैप्शन लिखा, ‘मां के कोमल आंचल से बड़ी छाया और कही नहीं।’ इस तस्वीर को खबर लिखे जाने तक 19 हजार से ज्यादा लाइक मिल चुके हैं। इसके साथ ही लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया दिए जा रहे हैं।मां का यह अंदाज IAS अधिकारी सोनल गोयल को भी बड़ा पसंद आया। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मां की यह प्यारी तस्वीर साझा की। साथ ही कैप्शन में लिखा “मां के कोमल आँचल से बड़ी छाया और कही नहीं”।
लोगों की प्रतिक्रिया
अब यह तस्वीर लोगों को बड़ी पसंद आ रही है और वह इस पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।एक यूजर लिखता है “मां के लिए कोई शब्द ही नहीं जिसमें मां को बयां किया जा सके।” फिर दूसरा लिखता है “माँ का आँचल शीतल छाया हैं। माँ वंदनीय हैं, पूजनीय हैं” फिर एक कमेन्ट आता है “आँचल तो छाया देती ही है, पर माँ की परछाई भी छाया का काम करती है।” फिर एक यूजर लिखता है “और मां ही है जो मर्म समझती है , बिन कहे मेरा हर दुःख दर्द समझती है। मां की काया से बड़ा आशीर्वाद और कुछ नही है।”