इस शख्स ने पेश की इंसानियत की मिसाल, अस्पताल में गुम हुए जेवर और रुपयों से भरा बैग महिला तक पहुँचाया।


आज के समय गुमी हुई चीज़ का वापिस मिलना उतना ही मुश्किल है जितना चाँद से तारे तोडना क्यूंकि आज कल के माहौल में चोरी हेरा-फेरी बेहद आम हो चुकी है। इंसान एक मौका देखता है कब उसके हाथ ये मौका आए और वह इसका फायदा उठाये। लेकिन आज एक ऐसा मामला सामने आया है जहाँ एक औरत का बैग हॉस्पिटल में छूट गया था जिसमे कैश व् सोने के जेवर थे। ये बैग हॉस्पिटल में खोने के बाद उसे इस बात की उम्मीद नहीं थी की वह वापिस भी मिलेगा लेकिन उस महिला का खोया हुआ बैग उसे वापिस मिल गया। जानिए ये कैसे संभव हो पाया।

एक रिपोर्ट के मुताबिक बता दे कि करीब 15 दिन पहले 19 फरवरी को दवाइयों के काउंटर से एक बैग मिला। बैग में सामान को देखा तो उसे सोने-चांदी के आभूषण सहित नकदी मिली। काउंटर पर मौजूद चिराग आंतिल ने इस संबंध में एक बैग मालिक की तलाश शुरू कर दी। पर्स में मिली पर्ची के जरिए उसकी तलाश शुरू की। करीब 15 दिन में खोजबीन करते हुए महिला के पास पहुंचा और उसे उसका पर्स लौटाकर ईमानदारी की मिसाल पेश की है। महिला व उसके परिवार ने चिराग का धन्यवाद किया और आभार प्रकट किया।

दूसरी तरफ चिराग का कहना है कि वह ऐसा पहली बार नहीं कर रहा है उसने पहले भी कई बार गुमी हुई चीज़ को लौटाया है। इससे पहले उसने 5 से 6 बार 10 हजार रुपए तक की गुम हुआ सामान लौटाया था। 19 फरवरी को दवाइयों के काउंटर पर एक बैग मिलने के बाद 2 दिन तक बैग के मालिक का इंतजार किया गया। जब कोई वापिस नहीं लौटा तो दवाईयों के काउंटर के बाहर बैग खोने का नोटिस लगाया गया। 10 दिन तक भी बैग की पूछताछ के लिए कोई नहीं आया तो उसके बाद चिराग ने खुद ही बैग के मालिक की तलाश की कबीर पूर जाकर महिला की पहचान की और उसके बैग सौंप दिया।

चिराग ने बताया कि जब बैग का मालिक नहीं पहुंचा तो बैग को खोला गया। बैग के अंदर गहने व नगदी थी। उसमें सोने की बाली, अंगूठी , चांदी की पायल, चुटकी व अन्य चांदी के आभूषण तथा 2500 रुपए थे। बैग में करीब 80 हजार रुपए का सामान था।उसने तुरंत ही उसे बंद कर के उसके मालिक तक पहुंचाने की ठानी ताकि उसका मालिक ज्यादा परेशान न हो पाए तो उसे उसकी चीज़ मिल जाए। बता दे आज के समय में चिराग जैसे इंसान मिलना बेहद मुश्किल है।