इतिहास बड़ी से बड़ी लड़ाइयों का गवाह रहा है, जिसमें कई घातक हथियारों का इस्तेमाल किया जाता था. इसमें सबसे घातक तोप को माना गया है. एक ऐसा हथियार जिसमें बारूदी गोला भरकर दूर फेंका जाता था. इसमें भारी तबाही मचाने की पूरी क्षमता होती थी. ख़ासकर, क़िलों की मज़बूत दीवारों, दरवाज़ों और बड़ी सेना को नेस्तनाबूद करने के लिए तोप का इस्तेमाल किया जाता था. आज भी राष्ट्रों द्वारा अत्याधुनिक तोपों का इस्तेमाल किया जाता है.
वहीं, 1313 ईस्वी से यूरोप में तोप के इस्तेमाल के प्रत्यक्ष प्रमाण मिलते हैं. ऐसे भी प्रमाण मिलते हैं कि पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर ने तोप का प्रयोग किया था. ये तो थी तोप के विषय में संक्षिप्त जानकारी, अब आपको इसी कड़ी में बताते हैं उस ख़ास भारतीय तोप के बारे में, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी तोप कहा गया है. वहीं, यह भी कहा जाता है कि इसके एक गोले ने बड़ा तालाब बना डाला था. आइये, जानते हैं इस तोप की पूरी कहानी.
दुनिया की सबसे बड़ी तोप
इस ताक़तवर तोप का नाम है ‘जयबाण’, जो जयपुर के जयगढ़ क़िले में स्थित है. इसे दुनिया की सबसे बड़ी तोप माना गया है. जानकारी के अनुसार, इस विशाल तोप को 1720 ईसवी में जयगढ़ क़िले में स्थापित किया गया था. इस तोप का निर्माण जयपुर क़िले के प्रशासक राजा जयसिंह ने करवाया था.रियासत की सुरक्षा
इस विशाल और भारी भरकम तोप का निर्माण राजा जयसिंह ने अपनी रियासत की सुरक्षा के लिए करवाया था. इस तोप का निर्माण ख़ास रणनीति के तहत किया गया था.
कभी नहीं ले जाया गया क़िले से बाहर
जानकर हैरान होगी कि इस तोप को कभी क़िले से बाहर नहीं ले जाया गया है. वहीं, इसका उपयोग किसी युद्ध में भी नहीं किया गया. इसकी वजह है इस तोप का अधिक वज़न. इसका वजन 50 टन बताया जाता है. इसे दो पहिया गाड़ी में रखा गया है. जिस गाड़ी पर इसे रखा गया है उसके पहियों का व्यास 4.5 फ़ीट बताया जाता है. इसके अलावा, इसमें दो और अतिरिक्त पहिए लगाए हैं. इन पहियों का व्यास 9.0 फ़ुट बताया जाता है.