ज़िंदगी में एक बार नहाने वाली सिर्फ अपनी शादी के दिन ही नहाती ये ये महिलाएं, जानिए कैसे पूरी ज़िंदगी बिना नहाए रह जाती है ये जनजाति


बचपन से ही हमें सिखाया जाता है, खुद को स्वच्छ रखना एक अच्छी आदत होती है और खुद को स्वच्छ रखने के लिए हर रोज़ नहाना चाहिए लेकिन हम आपको बताए की दुनियां में एक ऐसी जनजाति है, जिसकी महिलएं ज़िंदगी में सिर्फ एक बार नहाती है उस समय आप कहएंगे की यह झूठ है लेकिन पृथ्वी पर ऐसी एक जनजाति है, चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते है|

ज़िंदगी में एक बार नहाने वाली जनजाति

 

इस जनजाति का नाम हिम्बा है ये नार्थ-वेस्ट नामीबिया के कुनैन प्रान्त में रहती है इस जनजाति का अलग इतिहास, संस्कृति और सभ्यता है इस जनजाति की महिलाओं का रहन-सहन काफी दिलचस्प है इस जनजाति की महिलाओं का रहन-सहन इतना अलग है की जहां लोगों को रोजाना नहाने को कहा जाता है वही यह महिलाएं अपनी शादी वाले दिन ही पानी से नहा पाती है|

शरीर को साफ़ रखने की तकनीक अलग

 

अभी आप सोच रहे होंगे, अगर यह महिलाएं ज़िंदगी में एक बार नहाती है तो इनके शरीर में से काफी दुर्गंध आती होगी लेकिन हम आपके इस सवाल का जवाब देते हुए कहेंगे की ऐसा बिल्कुल नहीं है| अपने शरीर को साफ़ रखने के लिए यह महिलाएं पानी में एक खास प्रकार की जड़ी-बूटी उबालती है| जिसके बाद उसके धुंए से वह अपने शरीर को साफ़ रख पाती है इन जड़ी-बूटी के कारण उनके शरीर से किसी भी प्रकर की दुर्गन्ध नहीं आती है|

खास तरीके का लोशन का इस्तेमला

लोशन का इस्तेमाल केवल हम ही नहीं इस जनजाति की महिलएं भी करती है लेकिन आपको बता दें की जिस प्रकार से इनका नहाना जड़ी-बूटियों से होता है उसी प्रकार इनका लोशन भी अलग तरीके से बनता है| ये लोशन जानवर की चर्बी और हेमाटाइट (लौहे के खनिज) की धूल से तैयार किया जाता है| जिससे उनकी त्वचा लाल दिखती है|