आज 16 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जा रही है , हर वर्ष चैत्र महीने की पूर्णिमा की तिथि पर ये जयंती मनाई जाती है , बजरंगबली को सभी एक ब्रह्मचारी के रूप में पूजते है पर क्या आप जानते है की हनुमान जी के तीन-तीन विवाह हो चुके है ? हनुमान जी को ब्रह्मचारी कहा जाता है पर पौराणिक कथाओं के अनुसार तीन ऐसी परिस्तिथियाँ आई थी जिनमें हनुमान जी को विवाह करना पड़ा था | आंध्र प्रदेश में एक मंदिर भी है जहा विवाहित हनुमान जी और उनकी पत्नी सुर्वचला को पूजा जाता है | ये इकलौता ऐसा मंदिर है जो बजरंगबली के विवाह का प्रतिक है |
सूर्यदेव की पुत्री से हुआ पहला विवाह
पहली पौराणिक कथा के अनुसार जब हनुमान जी ने सूर्य देव को अपना गुरु बनाया था तब उन्हें सूर्य देव से 9 विद्याये सीखनी थी उन्होंने 5 विद्या तो सिख ली पर बाकी 4 विद्याओं के लिए हनुमान जी का विवाहित होना ज़रूरी था इसलिए सूर्यदेव ने अपनी पुत्री सुर्वचला के साथ ही हनुमान जी का विवाह करवा दिया , विवाह के बाद ही सुर्वचला तपस्या में लीन हो गई थी और हनुमान जी अपनी बाकी 4 विद्या सिखने में व्यस्त हो गए थे | सुर्वचला का जन्म किसी गर्भ से नहीं हुआ था इसलिए शादी के बाद भी हनुमान जी का ब्रह्मचारी व्रत नहीं टूटा |
रावण की पुत्री से हुआ दूसरा विवाह
पउमचरित के अनुसार जब रावण और वरुण देव के बीच युद्ध खेला गया था तब वरुणदेव की ओर से हनुमान रावण से लड़े थे और उनके सभी पुत्रों को बंधी बना लिया था , जब युद्ध में रावण हार गए थे तब उन्होंने अपनी पुत्री अंगकुसुमा से हनुमान जी का विवाह करवा दिया था |
वरुण देव की पुत्री से हुआ तीसरा विवाह
जब वरुण देव और रावण के बीच युद्ध हुआ था तो हनुमान जी ने ही वरुण देव को जीत दिलाई थी इसलिए उन्होंने हनुमान से प्रसन्न हो कर अपनी पुत्री सत्यवती से उनका विवाह करवा दिया था | पौराणिक कथाओं में भले ही इन तीनों विवाहों का उल्लेख है पर ये तीनों विवाह एक विशेष परिस्तिथि में हुए थे और तो और कहा जाता है की हनुमान जी ने कभी भी अपनी पत्नियों के साथ वैवाहिक संबंधों का निर्वाह नहीं किया |