आज हम आपको एक ऐसे शख्स की कहानी बताने जा रहे है जिनका जीवन बहुत गरीबी में बीता पर इसके बावजूद उन्होंने अपने जीवन में कुछ बड़ा करने की ठानी , उनका परिवार काफी बड़ा था उनका खानदानी काम ही खेती करना था ,परिवार के 23 लोग एक ही कमरे में रहते है , उनको ज़िंदगी में काफी कम सुविधाएं मिली इसके बावजूद वो अपने दम पर हीरों के एक बड़े बिज़नेसमैन बने |
किसान के परिवार में हुआ जन्म
हम जिस शख्स की बात कर रहे है उनका नाम गोविन्द ढोलकिया है जिनका जन्म गुजरात के अमरेली गांव में एक किसान के घर में हुआ था , उनके कुल 4 भाई और दो बहने थी , उनका परिवार हमेशा से ही आर्थिक तंगी से परेशान रहता था अपने परिवार की ऐसी स्तिथि देखते हुए उन्होंने भी काम तलाशना शुर कर दिया |
सूरत में हीरों के कारीगर की तरह किया काम
काम को तलाश करते हुए वो सूरत पहुंचे और वहां एक हीरों की दूकान में उन्हें काम मिल गया यहाँ वो हीरो के कारीगर के रूप में काम करने लगे , शुरुआत में उन्हें महीने के केवल 103 रूपये ही मिलते थे , उन्होंने करीब 6 महीनों तक मेहनत से एक कारीगर के रूप में काम किया और यहाँ पर पैसे कमा कर वो अपने परिवार की आर्थिक मदद करते थे |
आज साल में कमाते है इतने करोड़
कुछ सालों हीरों की दुकान में काम करते हुए ही उन्होंने काफी कुछ सिखा और एक अच्छा एक्सपीरियंस लिया जिसके बाद उन्होंने खुद की दूकान खोलने का फैसला किया ,1970 में उन्होंने अपने बचाएं हुए 5000 से अपना खुद का कारखाना खोला , 7 सालों में ही उनका कारखाना काफी चलने लगा जिसके बाद वो 1977 में जी नवचंद्र की कंपनी के मालिक शांतिभाई और नवीनभाई मेहता से मिले , उन दोनों ने गोविन्द का मार्गदर्शन किया औेर चार महीनों में ही उनका बिज़नेस तेज़ी से बढ़ गया , आज उनकी कंपनी श्री रामकृष्णा एक्सपोर्ट्स का सालाना टर्नओवर 3500 करोड़ रूपये है |