अगर आप भी करते है दान-पुण्य में विश्वास तो कभी ना करें इन चीजों का दान, नहीं तो पड़ सकता है पछताना


दान करना सबसे ज्यादा पुण्य का कार्य माना जाता है कहा जाता है जो व्यक्ति दिल खोल कर दान करता है भगवान भी उसकी सारी मुरादें पूरी करते है हिन्दू धर्म में भक्त अपने देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए पूजा अर्चान जैसे शुभ कार्य भी करते है, व्रत रखते है| लेकिन अपने देवी-देवता को जल्द प्रसन्न करने के लिए वह दान का तरीका अपनाते है| क्योंकि कहा जाता है जो व्यक्ति दान नहीं कर सकता उस व्यक्ति से भगवान नाखुश रहते है और उसे दिया सब कुछ भी वापस ले लेते है|

दान के नियम

सनातन धर्म में दान का विशेष महत्व बताया गया है| सनातन धर्म में चारो युगों में अलग-अलग कार्यों की विशेषता बतलाते हुए कहा गया है कि – सतयुग में तप, त्रेता में ज्ञान, द्वापर में यज्ञ और कलयुग में एकमात्र दान ही है| लोग अपने पितरो को खुश करने के लिए भी दान करते है| लेकिन आपने कभी सोचा है की आप जो दान दे रहे है वह आपको कहीं पाप का भोगी तो नहीं बना रहा?  वास्तु और ज्योतिषी शास्त्र में दान करना सबसे शुभ बताया गया है लेकिन इसके भी कुछ नियम होते है|

न करें इन चीज़ो का दान

आज हम इन्हीं नियमो के बारे में बात करेंगे| दान करना एक पुण्य का काम है लेकिन दान के कुछ नियम भी मौजूद है जिनकी अनदेखी करके आपके घर में शांति भंग हो सकती है आज हम आपको बातएंगे की किन चीज़ो का दान आपको नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह दान आपके घर में खुशियां नहीं कलह की वजह बन सकते है|

बासी रोटी

अन्न और जल को महादान की श्रेणी में रखा जाता है, ऐसे में लोग बची हुई रोटी को भिक्षु को दे देते है और सोचते है कि उन्होंने पुण्य का कार्य किया है| इस रोटी को देने से उन्होंने किसी का पेट भरा है लेकिन यह आपके लिए ही नुकसान है ज्योतिषी शास्त्र की मानें तो यह अशुभ की श्रेणी में आता है| किसी भी गरीब या भिक्षु को अन्न सदैव ताज़ा देना चाहिए ऐसा करने से भाग्य चमकता है|

स्टील के बर्तन

अगर आप अपने पितरो को प्रस्सन करने के लिए स्टील के बर्तन गरीबो को दान करते है तो यह आज ही बंद कर दीजिए स्टील के बर्तन दान करने से घर की शांति भंग हो जाती है और कलह बढ़ जाता है| यदि आप कोई चीज़ या बर्तन किसी गरीब को दान करना चाहते है तो एक बार पंडित से सलह करें|

ग्रन्थ का दान

कॉपी, किताब और ग्रन्थ देना एक पुण्य का काम है लेकिंन यह फटे हुए नहीं होने चाहिए| आप किसी विद्यार्थी को नई कॉपी और किताब दान में दे सकते है वरना आप उनकी मरम्मत करवा सकते है और दान कर सकते है| अगर आप मरम्मत करवा के भी चीज़ो को भी दान करते है तब इस दान का महत्व है| ध्यान रहें, दान करते वक़्त आपकी मंशा साफ़ होनी चाहिए|