ओलिंपिक मैडल के लिए मीरा चानू ने छोड़ दिया था पिज़्ज़ा, Dominos ने दिया जीवन भर मुफ्त पिज़्ज़ा का वादा


टोक्यो, 25 जुलाई। भारत को टोक्यो ओलंपिक में पहला पदक दिलाने वाली मीराबाई चानू ने देशभर के लोगों को गर्व पल दिया है। मीराबाई ने 49 किलोग्राम वेटलिफ्टिंग इवेंट में सिल्वर मेडल जीतकर देश को इस ओलंपिक का पहला पदक दिलाया। यही नहीं चानू दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने वेटलिफ्टिंग में ओलंपिक में पदक जीता है। इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने ओलंपिक में मेडल जीता था। चानू ने इस जबरदस्त उपलब्धि के बाद अपने कोच को गले लगाया और इस जीत पर खुशी जाहिर की। सिल्वर मेडल जीतने के बाद चानू खुशी में झूमती नजर आईं।

जीत के बाद पहला काम, पिज्जा खाऊंगी : ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद मीराबाई चानू ने एक इंटरव्यू में पिज्जा खाने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने कहा कि मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती हूं कि मै कितना खुश हूं। मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है। वेटलिफ्टिंग में हमारा यह दूसरा मेडल है। मैं अपनी फेडरेशन, मेरे कोच, परिवार और सभी लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया। यही नहीं जीत के बाद चानू ने कहा कि मैं सबसे पहले जो चीज करना चाहती हूं वह यह कि मैं पिज्जा खाना चाहती हूं। काफी समय हो गया है जब मैंने पिज्जा खाया था, लेकिन आज मैं पिज्जा खाऊंगी।

जिंदगीभर फ्री पिज्जा : चानू की इस इच्छा के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें पिज्जा खिलाने की पेशकश की। एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा, जब भी मीराबाई चानू वापस भारत आएं उन्हें पिज्जा डिलिवर करें, मैं उनका बिल दूंगा। जिसपर जवाब देते हुए डोमिनोज इंडिया ने लिखा आपने कहा और हमने सुना, हम कभी भी नहीं चाहते हैं कि चानू को पिज्जा खाने के लिए इंतजार करना पड़े। लिहाजा हम उन्हें पूरी जिंदगी मुफ्त में पिज्जा मुहैया कराएंगे।

काफी त्याग-बलिदान के बाद आया मेडल : मेडल जीतने के बाद मीराबाई ने कहा कि मेरा लक्ष्य था कि मैं टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतूं, यह मेडल कई त्याग और बलिदान के बाद आया है, यह सपने के सच होने जैसा है। मैंने काफी ज्यादा मेहनत की है, यहां तक पहुंचने के लिए काफी कुछ त्याग दिया। मेरा लक्ष्य था कि कैसे भी टोक्यो ओलंपिक में मैं पद जीतूं। मीरा के कोच विजय कुमार ने कहा कि मैं चानू की जीत से काफी खुश हूं, उम्मीद है कि यह परिणाम लोगों को प्रेरित करेगा और वेटलिफ्टिंग में आने के लिए उन्हें प्रेरणा देगा, भविष्य में ये लोग देश के लिए मेडल लेकर आएंगे।