रिलीज से पहले ही कानूनी पेंच में फंसी फिल्म ’83’, Deepika Padukone समेत निर्माताओं पर लगा धोखाधड़ी का आरोप।


फिल्म  83 अभी रिलीज नहीं हुई कि अब ये एक कानूनी पचड़े में फंस चुकी है। दरअसल रिपोर्ट्स की माने तो रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण स्टार्रर फिल्म  83 पर संयुक्त अरब अमीरात स्थित एक फाइनेंस कंपनी ने निर्माताओं के खिलाफ एक मजिस्ट्रेट की अदालत में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। फ्यूचर रिसोर्स FZE ने अंधेरी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत का रुख किया है।इस फिल्म के सभी को-प्रोड्यूसर्स पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है जिसमें दीपिका पादुकोण का नाम भी शामिल है. जानिए पूरा मामला।

जानकारी के मुताबिक शिकायत में विब्री मीडिया और उसके निदेशकों का नाम भी शामिल है। अधिवक्ता रिजवान सिद्दीकी के माध्यम से दायर शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों ने ’83’ का निर्माण किया और शिकायतकर्ताओं को फिल्म के अधिकार देने में धोखाधड़ी की।ये शिकायत इंडियन पैनल कोड की धारा 405, 406, 415, 418, 420 और 120B के तहत दर्ज की गई है. दीपिका पादुकोण के अलावा जिनके खिलाफ ये शिकायत दर्ज की गई है उसमें साजिद नाडियाडवाला, और कबीर खान का नाम भी शामिल है. यही नहीं FZE ने फैन्टम फिल्म्स समेत 4 अन्य पर भी आरोप लगाया है.

FZE ने हैदराबाद में फिल्म में कुछ इन्वेस्टमेंट की थी और विब्री ने बातचीत के दौरान FZE से वादा किया था कि उन्हें बढ़िया रिटर्न ऑन इनवेस्टमेंट मिलेगा. इसी तर्ज पर FZE ने कुल 16 करोड़ रुपये इनवेस्ट किए थे और दोनों के बीच एग्रीमेंट हुआ था. मगर अब जब FZE को दरकिनारा  कर दिया गया है तो ऐसे में उसने फिल्म मेकर्स के खिलाफ शिकायत दर्ज कर दी है. FZE की ओर से मामले में रिप्रिजेनटेटिव वकील रिजवान सिद्दीकी ने अपने बयान में कहा कि- ये सच है कि मेरे क्लाइंट ने धोखाधड़ी और साजिश के मामले में 83 मूवी के सभी प्रोड्यूसर्स पर शिकायत दर्ज कराई है.

 

अपनी बात को आगे रखते हुए कहा की-मेरे क्लाइंट के पास लीगल एक्शन लेने के सिवा कोई दूसरा ऑप्शन नहीं था. प्रोड्यूसर्स से पहले ही बात को आपस में सॉल्व करने की कोशिश की गई थी मगर किसी भी प्रोड्यूसर्स ने मेरे क्लाइंट के राइट्स के बारे में पूरी जानकारी होते हुए उनकी व्यथा सुनने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. अब इस मामले को कोर्ट तक खसीटा जाएगा.FZE का आरोप ये भी है कि एग्रीमेंट के मुताबिक फिल्म के प्रोड्यूसर्स को रुपये सिर्फ बिजनेस पर्पस के लिए ही लगाने थे. मगर ऐसा ना कर के पर्सनल खर्चों पर भी इसका इस्तेमाल किया गया.