रेलवे के नुकसान की बात करें तो उसे अग्निपथ स्कीम को लेकर हुए हंगामे से अब तक करीब 1000 करोड़ का नुकसान हो चुका है। हालांकि कुल नुकसान का हिसाब लगाना अभी बाकी है। रेलवे को सबसे बड़ा नुकसान ईस्ट सेंट्रल रेलवे में हुआ है, जहां उसे 241 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह इलाका मूल रूप से बिहार में पड़ता है। यहां 61 कोच और 7 इंजन को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। बड़ी बात यह है की आग में जलने या गर्म होने के बाद रेलवे के इंजन और डब्बे इस्तेमाल के लायक नहीं रह जाते हैं, क्योंकि उसके लोहे की क्वालिटी बदल जाती है। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में भी रेलवे को नुकसान हुआ है। जिसमें रेलवे स्टेशन, सिगनलिंग/ टेलीकॉम यूनिट, रेलवे ट्रैक और बाकी संपत्तियां शामिल है।
रेलवे को कैसे और कितना नुकसान हुआ?
अग्निपथ योजना के विरोध में सोमवार को पटना में बुलाए गए भारत बंद की वजह से कई ट्रेनें कैंसिल हो गईं। पटना रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का घंटे भर इंतजार करते रहे यात्री। अग्निपथ योजना के विरोध में सोमवार को पटना में बुलाए गए भारत बंद की वजह से कई ट्रेनें कैंसिल हो गईं। पटना रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते यात्री।चार दिनों में देश भर में 922 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द हुई हैं। यदि एक PNR पर 3 यात्री मानें तो कुल 5 लाख से अधिक PNR रद्द हुए हैं, हर ट्रेन में औसतन 1200 से 1500 तक यात्री चलते हैं, जिससे करीब 12 लाख लोगों की यात्रा कैंसिल हुई। रेल मंत्रालय ने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि एक यात्री का किराया कम से कम 600 रुपए मानें तो कुल 70 करोड़ रुपए का रिफंड लौटाया जा रहा है। इसमें AC 3, सेकंड AC और फर्स्ट AC के किराए को शामिल करें तो रिफंड 100 करोड़ रुपए का होगा। 827 पैसेंजर ट्रेनें कैंसिल रहीं। 120 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें आंशिक रूप से कैंसिल रहीं, जिससे करीब डेढ़ लाख यात्रियों को बीच में ही ट्रेन छोड़कर यात्रा रद्द करनी पड़ी।
रेलवे कोच और इंजन को बनाने में कितना खर्च आता है?
एक नॉन एसी ICF कोच को बनाने में 90 लाख रूपए का खर्च आता है जबकि एक एसी ICF कोच को बनाने में 1.5 करोड़ रूपए का खर्च आता है। जबकि एक नॉन AC LHB कोच को बनाने में 2.25 करोड़ रूपए का खर्च आता है। वहीं एक एसी LHB कोच को बनाने में 3 करोड़ रूपए लग जाते हैं। एक 5 हजार हॉर्स पॉवर तक के इंजन को बनाने का खर्च 15 करोड़ रूपए आता है। जबकि एक 12 हजार हॉर्स पॉवर तक के इंजन बनाने का खर्च 65 करोड़ रूपए आता है। एक सामान्य ट्रेन 24 कोच की होती है। यानी इंजन सहित एक पूरी ट्रेन की कीमत औसतन कम से कम 51 करोड़ रूपए तक होती है।
अब तक 718 गिरफ्तार
बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि केन्द्र सरकार की अग्निपथ भर्ती योजना के तहत सेना में नियुक्ति के विरोध में कतिपय संगठनों के द्वारा आहुत बिहार बंद के दौरान में शनिवार को रेलवे, सरकारी सम्पत्ति को विनष्ट करने तथा तोड़-फोड़ के विरुद्ध राज्यभर में कुल 25 प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा 250 अराजक तत्वों की गिरफ्तारी की गई है। बयान में आगे बताया गया है कि गुरुवार से लेकर शनिवार तक यानी तीन दिनों में कुल 138 प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा 718 अराजक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है।
करीब 50 लाख मुसाफिरों की यात्रा में ब्रेक
वहीं ट्रेनों के कैंसिल होने से रेलवे को बड़ा नुकसान हुआ है। अब तक उपद्रव की वजह से रेलवे ने 1929 ट्रेनें रद्द की है। जिनमें 1067 मेल एक्सप्रेस जबकि 862 पैसेंजर ट्रेन है। रेलवे को मुंबई राजधानी जैसी ट्रेन से 29 लाख रुपए की कमाई होती है। इस तरह मोटे अनुमान के मुताबिक ट्रेनों के रद्द होने से रेलवे को करीब 200 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।इसके अलावा करीब 50 लाख मुसाफिरों को उपद्रवियों के वजह से मुसीबत झेलनी पड़ी है। ट्रेनों के कैंसिल होने से लोग अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाए हैं। अब रेलवे के सामने सबसे बड़ी समस्या अलग-अलग जगहों पर अटके इन लाखों लोगों को मंजिल तक पहुंचाना है। इसके लिए सारी रद्द ट्रेनों को पहले रिस्टोर करना होगा, इसके अलावा स्पेशल ट्रेनें भी चलानी होंगी ताकि अटके मुसाफिरों को भी मंजिल तक पहुंचाया जा सके। यानी कि आंदोलन के नाम पर जिस सरकारी संपत्ति को जलाया गया उसका सबसे बड़ा नुकसान आम लोगों को ही उठाना पड़ रहा है।