रिश्वत लेती AAP पार्षद को CBI ने रंगे हाथ दबोचा, कुछ ऐसे चल रहा था घूसखोरी का खेल…


ये भारत है यहाँ करप्शन होना आम बात है बात चाहे छोटी दूकान वाले कारोबारी की या बड़े नेता की यहाँ बिना करप्शन के कुछ नहीं होता। अब आप  दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार का हाल ही देख ले जहाँ वह एक तरफ  भ्र-ष्चा**र मुक्त सरकार देने का वादा कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के पार्टी के पार्षद रंगे-हाथ उगाही करते पकड़े जा रहे हैं। अब आप सोच रहे होंगे की ऐसा कैसे हो सकता है ईमानदारी का झंडा गाड़ने वाली सरकार ऐसा कैसे कर सकती है। दरअसल हाल ही में आप सरकार की ये नेता को रिश्व-त लेते हुए पकड़ा गया। आइये जानिए क्या है पूरा मामला।

जानकारी के मुताबिक सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने आप पार्टी की निगम पार्षद गीता रावत को रिश्व-त लेते हुए पकड़ा है। गीता रावत पर एक मूंगफली व्यापारी के जरिए रिश्वत लेने का इल्जाम लगा है। मामले पर कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन ब्रांच ने गीता रावत और मूंगफली व्यापारी के बेटे को हिरासत में ले लिया गया है। बता दें कि गीता पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र स्थित विनोद नगर वॉर्ड से पार्षद  हैं जोकि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का विधानसभा क्षेत्र है। आप खुद देख ले जो खुद को कर्रप्शन फ्री सरकार बताती है उनका क्या हाल है।

दरअसल गीता रावत पर एक  मूंगफली व्यापारी के जरिए रिश्वत लेने का इल्जाम लगा है। गीता पूर्वी दिल्ली के वार्ड नंबर 217/10E से पार्षद है। बता दें कि दिल्ली में किसी सरकारी काम के लिए रिश्वत मांगी गई थी। रिश्वतखोरों को पकड़ने के लिए ब्रांच ने एक जाल बिछाया। ब्रांच ने तय रणनीति के तहत गुलाबी रंग लगे हुए नोट मूंगफली व्यापारी के बेटे को दिए थे। मूंगफली व्यापारी का बेटा पैसा मिलने के बाद सीधा गीता रावत के पास पहुंचा जहां उन्हें एंटी क-रप्श-न ब्रांच ने रंगे हाथ पकड़ा। पुष्टि के लिए हाथ में लगे रंग की भी जांच की गई जो वहीं रंग था जिसे ब्रांच ने नोटों पर लगाया था।

कार्रवाई के दौरान ब्रांच ने मूंगफली व्यापारी  के पिता को भी मौके पर बुलाया। जहां व्यापारी  पिता ने पूछा कि बेटे सनाउल्लाह को क्यों पकड़ा है। ब्रांच ने जवाब देते हुए कहा कि हम सीबीआई से हैं और आपका बेटा रिश्वत के मामले में पकड़ा गया है। फिलहाल दोनों सीबीआई की हिरासत में हैं और दोनों से ही सीबीआई कार्यालय में पूछताछ की जा रही है। अब देखना ये है की ये मामला कब तक सामने खुलकर आता है और इसके पीछे की वजह क्या है।