अमिताभ बच्चन 78 की उम्र में भी काफी फिट और एक्टिव हैं. फिल्मों की शूटिंग से वे आए दिन अपनी तस्वीरें या सेट का माहौल साझा करते रहते हैं. लेकिन इस व्यस्तता के बीच उन्हें सबसे जरूरी चीज नींद के लिए पूरा समय नहीं मिल पाता है. बिग बी ने अपनी इस परेशानी का जिक्र अपने ब्लॉग में किया है. अमिताभ लिखते हैं- ‘कल रात का खेल लंबा था…
ढाई बजे खत्म हुआ और फिर सुबह 6 बजे उठकर काम पर जाना…नींद निर्धारित थी…पर काम शेड्यूल के मुताबिक चलता रहा…कहते हैं…महात्मा भी 15 मिनट की गहरी नींद के बाद पूरी तरो ताजगी से काम करते हैं…यही अभ्यास में चलता आ रहा है…शुरुआती दिनों में काम वक्त पर पूरा हुआ करता था और आज यह अजीब लग रहा है.’ ‘दो फिल्में, दो अलग किरदार, दो अलग लोकेशन और दो अलग समय.
फर्स्ट शिफ्ट 7 बजे से 2 बजे तक और दूसरी फिल्म 2 बजे से रात 10 बजे तक…जिसे आसान शब्दों में कहें तो सुबह 5 बजे उठना, साढ़े पांच बजे निकल जाना ताकि 6 बजे तक मेकअप-हेयर कॉस्ट्यूम के लिए पहुंच जाएं, 7 बजे फर्स्ट शॉट और फिर आगे…और कई बार शहर के कई लोकेशंस पर शूटिंग.’ इस ब्लॉग में अमिताभ ने अपनी अपकमिंग फिल्म मेडे की शूटिंग शेड्यूल-लोकेशन और 1975 में रिलीज फिल्म दीवार के शूटिंग को एक जैस बताया.
वे लिखते हैं- क्लाइमैक्स ऑफ दीवार… रात को शूटिंग होनी थी…परमिशन और बैलार्ड ईस्टेट, मेडे की जितनी तस्वीरें मैंने साझा की है वे देर रात 10 बजे के बाद की है…10 बजे के बाद पूरी रात काम…सुबह 5 बजे शूट खत्म करना…सीधे एयरपोर्ट जाना, बेंगलुरू के लिए फ्लाइट पकड़ना, एक घंटे ड्राइव कर शोले की शूटिंग लोकेशन रामगढ़ पहुंचना और फिर वहां शूट करना.
शाम तक दोबारा एयरपोर्ट के लिए भागमभाग करना, मुंबई के लिए फ्लाइट पकड़ना और दीवार का नाइट क्लाइमैक्स शूट करना. फ्लाइट में सोना ये तब तक होता जब तक काम नहीं पूरा हो जाता है. काम के प्रति अमिताभ बच्चन की यह निष्ठा हर किसी के लिए प्रेरणादायक है. एक्टर हमेशा अपने काम के लिए किसी न्यूकमर की तरह ही अभ्यास करते हैं. सेट पर उनके इस डेडिकेशन का जिक्र कई दफा दूसरे सेलेब्स ने किया है.